लॉजिस्टिक्स सेक्टर को बढ़ावा देंगी डिमांड पिकअप, इंफ्रा क्रिएशन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुधारों और समर्थन बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ मांग में तेजी से भारत के रसद क्षेत्र में 10-12 प्रतिशत सीएजीआर बढ़ने की उम्मीद है। इस समय भारत का लॉजिस्टिक्स बाजार 250 अरब डॉलर का है।विकास को संगठित से असंगठित क्षेत्र में बदलाव (वर्तमान में 90 प्रतिशत) द्वारा समर्थित होने की उम्मीद है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुताबिक वैल्यू एडेड सर्विसेज की मांग भी बढ़ रही है। ज्यादातर लॉजिस्टिक्स खर्च परिवहन की ओर होता है, उसके बाद वेयरहाउस होता है। पिछले कुछ वर्षो में किए गए सुधारों के आधार पर, अगले कुछ वर्षो में उद्योग के तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। कुछ नए बिजनेस मॉडल जैसे ए3पीएल और एएक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स समग्र क्षेत्र की तुलना में तेजी से बढ़ेंगे। तदनुसार, ब्रोकरेज हाउस ने कहा कि जीएसटी जैसे सुधारों और समर्थन बुनियादी ढांचे के निर्माण से लॉजिस्टिक्स के दृष्टिकोण को सिर्फ परिवहन से एक विशेष समारोह में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। कई छोटे स्थानीय बेड़े ऑपरेटरों के साथ परिवहन उद्योग अत्यधिक असंगठित है। जीएसटी के साथ सभी स्तरों के मूल्य वर्धित कर के साथ, उद्योग धीरे-धीरे औपचारिकता की ओर बढ़ेगा।
जीएसटी के अनुपालन के उच्च स्तर के साथ-साथ लागत प्रतिस्पर्धात्मकता में कमी के परिणामस्वरूप छोटे खिलाड़ी सिस्टम से बाहर निकलेंगे और बाजार हिस्सेदारी संगठित खिलाड़ियों की ओर बढ़ेगी। इसके अलावा, इसने भविष्यवाणी की कि बड़ी वेयरहाउसिंग क्षमता और निवेश करने की क्षमता वाले संगठित खिलाड़ी आगे चलकर मजबूत बाजार हिस्सेदारी हासिल करेंगे। इसके अलावा, इसने कहा कि ई-कॉमर्स और संगठित खुदरा क्षेत्र ने भारत में ए3पीएल बाजार के विकास को गति दी है। इस खंड में बड़े पैमाने पर मोटर वाहन क्षेत्र का प्रभुत्व था, जिसमें वेयरहाउसिंग और परिवहन की काफी जरूरत होती है। पिछले कुछ वर्षो में, 3पीएल खंड में ग्राहकों की बढ़ती संख्या और इस क्षेत्र में अधिक खिलाड़ियों के प्रवेश के साथ 20 प्रतिशत सीएजीआर से अधिक होने का अनुमान है।
(आईएएनएस)
Created On :   23 Oct 2021 7:00 PM IST