देश में हर दूसरा किसान कानूनों के खिलाफ है : गांव कनेक्शन

Every other farmer in the country is against the laws: village connection
देश में हर दूसरा किसान कानूनों के खिलाफ है : गांव कनेक्शन
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नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। द इंडियन फार्मर्स परसेप्शन ऑफ द न्यू एग्री लॉज ने पाया है कि देश में हर दूसरा किसान संसद से हाल ही में पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ है, जबकि 35 प्रतिशत किसान इन कानूनों का समर्थन करते हैं। ये खुलासा हुआ है गांव कनेक्शन के एक सर्वे में।

हालांकि, यह भी पाया गया कि कृषि कानूनों का विरोध करने वाले 52 फीसदी किसानों में से 36 प्रतिशत से अधिक इन कानूनों के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते। इसी तरह, कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले 35 प्रतिशत किसानों में से लगभग 18 प्रतिशत को उनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता।

गांव कनेक्शन ने ये सर्वेक्षण 3 अक्टूबर से 9 अक्टूबर के बीच देश के 16 राज्यों के 53 जिलों में करवाया था।

सर्वेक्षण के अनुसार, 57 प्रतिशत किसानों में इस बात का डर है कि नए कृषि कानून लागू होने के बाद खुले बाजार में उनको अपनी फसल कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जबकि 33 प्रतिशत किसानों को डर है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था को खत्म कर देगी।

दिलचस्प बात है कि इन कृषि कानूनों का विरोध करने वाले आधे से अधिक (52 प्रतिशत) किसानों में से 36 प्रतिशत को इन कानूनों के बारे में विशेष जानकारी नहीं है। लगभग 44 प्रतिशत किसानों ने कहा कि मोदी सरकार प्रो-फार्मर (किसान समर्थक) है, जबकि लगभग 28 फीसदी ने कहा कि वो किसान विरोधी हैं।

इसके अलावा, सर्वेक्षण के एक अन्य प्रश्न में, अधिकांश किसानों (35 प्रतिशत) ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के लिए अच्छा काम किया है, जबकि लगभग 20 प्रतिशत ने कहा कि सरकार निजी कंपनियों के समर्थन में है।

बता दें कि किसान और किसान संगठनों का एक वर्ग नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहा है। इन नए कानूनों पर किसानों की राय जानने के लिए, गांव कनेक्शन ने देश के सभी क्षेत्रों में फैले 5,022 किसानों का सर्वेक्षण किया।

सर्वेक्षण में पाया गया कि कुल 67 प्रतिशत किसानों को इन तीन कृषि कानूनों के बारे में जानकारी थी। दो-तिहाई किसान देश में चल रहे किसानों के विरोध के बारे में जानते थे। विरोध के बारे में जागरूकता सबसे ज्यादा देश के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र (91 प्रतिशत) के किसानों में थी, जिसमें पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश शामिल है। पूर्वी क्षेत्र (पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़) में किसानों के विरोध के बारे में सबसे कम (46 प्रतिशत) जागरूकता देखी गई।

एसकेपी/एसजीके

Created On :   19 Oct 2020 11:30 AM GMT

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