- लोग आजकल मुंह पर ताला लगाने की सलाह दे रहे हैं: अमिताभ बच्चन
- किसान सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति से खुश नहीं, मगर जारी रखेंगे बातचीत : टिकैत
- हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि किसानों के साथ चर्चा के माध्यम से कोई रास्ता निकल आए : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
- भारत में कोरोना के 15,590 नए मामलों की पुष्टि, 191 मौतें
- मप्र सरकार पन्ना की हीरा खदान को चालू रखने को राजी
Fuel Price: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत, ये है आज की कीमत

हाईलाइट
- आज पेट्रोल और डीजल के दाम में नहीं हुआ बदलाव
- शुक्रवार को पेट्रोल 13 पैसे प्रति लीटर तक हुआ था सस्ता
- डीजल के दाम में 16 पैसे प्रति लीटर तक की हुई थी कटौती
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के बाद घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के रेट में राहत देखने को मिल रही है। शनिवार (12 अक्टूबर) को भारतीय तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दाम में किसी तरह का बदलाव नहीं किया। यानी कि आज पेट्रोल और डीजल दोनों पुरानी कीमतों पर ही उपलब्ध होंगे।
आपको बता दें कि इससे पहले शुक्रवार (11 अक्टूबर) को राजधानी दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल 12 पैसे प्रति लीटर और कोलकाता में 11 पैसे और चेन्नई में 13 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई थी। वहीं डीजल के दाम में दिल्ली और कोलकाता में 15 पैसे और मुंबई व चेन्नई में 16 पैसे प्रति लीटर की गिरावट आई थी। क्या हैं आज देश के महानगरों में पेट्रोल- डीजल की कीमत, आइए जानते हैं...
पेट्रोल के दाम
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 73.42 रुपए प्रति लीटर के स्तर पर बनी हुई है। वहीं मुंबई में पेट्रोल 79.03 रुपए प्रति लीटर बेचा जा रहा है। कोलकाता में पेट्रोल का रेट 76.07 रुपए प्रति लीटर के स्तर पर है। जबकि चेन्नई में पेट्रोल का दाम 76.25 रुपए प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गया है।
डीजल के दाम
बात करें डीजल की तो यह दिल्ली में डीजल के दाम 66.60 रुपए प्रति लीटर है। वहीं मुंबई में 69.81 रुपए प्रति लीटर है। इसी तरह कोलकाता में डीजल 68.96 रुपए प्रति लीटर पहुंच गया है। जबकि चैन्नई में डीजल की कीमत 70.35 रुपए प्रति लीटर हो गई है।
सुबह 6 बजे तय होते हैं दाम
बता दें कि पेट्रोल डीजल की कीमत को अमेरिकी डॉलर का एक्सचेंज रेट, क्रूड ऑयल की कीमत, ईंधन की मांग और अन्य चीजें प्रभावित करती रहती हैं। जिससे पेट्रोल-डीजल के दाम हर दिन घटते-बढ़ते रहते हैं। पेट्रोल-डीजल की नई कीमत सुबह 6 बजे से लागू हो जाती है। इनकी कीमत में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन सब कुछ जोड़ने के बादल इसकी कीमत लगभग दोगुनी हो जाती है।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।