यूपी को ग्लोबल टेक्सटाइल हब बनाने में मददगार होगा जीबीसी-3
- टेक्सटाइल उद्योग की स्थापना
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। वस्त्र उद्योग की बेहद सम्पन्न परंपरा के अनुसार योगी सरकार की मंशा यूपी को वस्त्र उद्योग ( टेक्सटाइल इंडस्ट्री) के क्षेत्र में ग्लोबल हब बनाने की है। इस क्षेत्र में अब तक किए गए प्रयास और पॉलिसी मैटर के जो प्रस्ताव पाइपलाइन में हैं। इनकी वजह से इस सेक्टर ने निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित किया है।
सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार तीन जून को राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सम्पन्न ग्राउंड ब्रेकिंग सरमोनी (जीबीसी-3) के दौरान टेक्सटाइल सेक्टर के लिए कुल 46 प्रस्ताव मिले। इन प्रस्तावों के जरिए इस सेक्टर में कुल 5642 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह जीबीसी-3 में आए 80224 करोड़ रुपये के प्रस्तावों का सात फीसद है। साथ ही लाखों लोंगों को रोजगार भी मिलेगा। जिन जिलों के लिए निवेश प्रस्ताव हैं उनके नाम हैं,अमरोहा, बरेली, बुलंदशहर, चंदौली, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, संतकबीर नगर और उन्नाव । निवेश प्रस्तावों में से नौ 50 करोड़ रुपए से ऊपर के हैं।
मालूम हो कि वस्त्र उद्योग संभावनाओं का क्षेत्र है। इन्वेस्ट इंडिया की रिपोर्ट (जुलाई-2020) के मुताबिक इस सेक्टर में प्रति एक करोड़ के निवेश पर औसतन 70 लोगों को रोजगार मिलता है। भाजपा ने अपने लोककल्याण संकल्पपत्र-2022 में हर परिवार एक रोजगार का लक्ष्य रखा है। इसीलिए हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग विभाग ने पांच साल में पांच लाख रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए 7500 करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार उत्तर प्रदेश में देश का टेक्सटाइल हब बनने की पूरी संभावना है। इसकी कई वजहें हैं। प्रदेश में वस्त्र उद्योग की बेहद संपन्न परंपरा के नाते दक्ष श्रमिकों की भी कोई कमी नहीं है। जरूरत समय के अनुसार प्रशिक्षण देकर उनका हुनर निखारने की है। वाराणसी की रेशमी साड़ियां, भदोही की हाथ से बनी कालीन, लखनऊ की चिकनकारी, बरेली की जरी जरदोजी, नोएडा के रेडीमेड गारमेंट्स की देश-दुनिया में अपनी पहचान है। प्रदेश के 34 जिले हथकरघा बाहुल्य हैं। इसी तरह मऊ, अम्बेडकर नगर,वाराणसी, मेरठ, कानपुर, झांसी, इटावा, संतकबीरनगर आदि जिले पॉवरलूम बहुल हैं। ये आंकड़े और उत्पाद हमारी सम्पन्न परंपरा के सबूत हैं।
अब योगी सरकार इन सारी संभावनाओं के आधार पर प्रदेश को ग्लोबल टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है। इस क्रम में सरकार इस क्षेत्र में निर्यात बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने के लिए शीघ्र ही एक्सपर्ट्स से सलाह मशविरा करके नई पॉलिसी लाएगी।
देश-दुनिया में रेडीमेड गारमेंट्स के उत्पादन में पहचान बना चुके नोएडा में इसे संगठित रूप देने के लिए सरकार वहां अपैरल पार्क बनाएगी। इस पार्क में रेडीमेड गारमेंट्स की लगभग 115 निर्यातोन्मुखी इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य है। पहले चरण में इसके लिए कानपुर नगर, गोरखपुर और आगरा को चुना गया है। क्लस्टर अप्रोच की संभानाओं के मद्देनजर ही सरकार सभी एक्सप्रेसवे के किनारों बनने वाले औद्योगिक गलियारों में उस क्षेत्र की परंपरा के अनुसार टेक्सटाइल उद्योग की स्थापना भी करेगी।
पीएम मित्र योजना के तहत 10 हजार करोड़ रुपए की लागत से वैश्विक स्तर का टेक्सटाइल पार्क बनाने की भी योजना है। नई पॉलिसी, बेहतरीन आधारभूत संरचना, बुनकरों के कौशल विकास और क्लस्टर अप्रोच के जरिए उत्तर प्रदेश को ग्लोबल टेक्सटाइल हब बनाने के क्रम में सरकार ब्रांड यूपी के लिए तैयार माल के मार्केंटिंग पर भी जोर देगी। इस क्रम में सरकार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के बड़े खिलाड़ियों मसलन फ्लिपकार्ट, अमेजन के साथ एमओयू करेगी। बुनकरों को अपने उत्पादों को ऑनबोर्ड करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
सोर्स- आईएएनएस
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Created On :   17 Jun 2022 2:31 PM IST