रेलवे अगले महीने फ्लेक्सी फेयर स्कीम में कर सकती है बदलाव, यात्रियों को मिलेगी राहत

indian railway can make some changes in the flexible fare scheme
रेलवे अगले महीने फ्लेक्सी फेयर स्कीम में कर सकती है बदलाव, यात्रियों को मिलेगी राहत
रेलवे अगले महीने फ्लेक्सी फेयर स्कीम में कर सकती है बदलाव, यात्रियों को मिलेगी राहत
हाईलाइट
  • ऑफ सीजन में इस फेयर को टेम्पररी बंद किया जा सकता है।
  • रेलवे अगले महीने फेयर स्कीम में बदलाव कर सकती है।
  • रेलवे के इस फेयर को नए सिरे से सोचकर लागू किया जा सकता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यात्रियों को किसी भी त्योहार के वक्त रेल से सफर करने के लिए हवाई सफर जितना महंगा किराया देना पड़ता था। यह किराया रेलवे द्वारा लाए गए फ्लेक्सी फेयर के तहत बढ़ता था। मगर अब रेलवे अपने यात्रियों को इससे राहत देने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक रेलवे अगले महीने इस फेयर स्कीम में बदलाव कर सकती है।

मंत्रालय ने बताया कि फ्लेक्सी फेयर से ऑफ सीजन के दौरान केवल 30 प्रतिशत सीटें ही भरीं। इसके लिए कुछ नोटेबल ट्रेनों को चुना गया। ऐसे में ऑफ सीजन में इस फेयर को टेम्पररी बंद किया जा सकता है। रेलवे मंत्रालय ने यह भी बताया कि इस स्कीम में बदलाव लाने पर भी विचार किया जा रहा है। इस फेयर को नए सिरे से सोचकर लागू किया जा सकता है। 

क्या है फ्लेक्सी फेयर स्कीम
मौजूदा फ्लेक्सी फेयर शताब्दी, राजधानी और प्रीमियम स्पेशल जैसी ट्रेनों में इस्तेमाल होती है। इसके अनुसार 10 प्रतिशत सीटों के भर जाने के बाद 10 फीसदी किराया बढ़ाया जाता है। यह बिल्कुल हवाई जहाज के टिकटों की तरह है। इस स्कीम की वजह से लोग ट्रेनों की जगह हवाई-जहाज से सफर करने को तरजीह दे रहे हैं। 

सरकार कर रही है इस पर विचार
सूत्रों के मुताबिक रेलवे हमसफर ट्रेनों में इस्तेमाल किया जाने वाला स्कीम पर विचार कर सकती है। इसके तहत 50 प्रतिशत सीटों को एक्चुअल फेयर से 15 प्रतिशत अधिक मुल्य पर बेची जाती है। इसके बाद हर 10 प्रतिशत पर किराया बढ़ाया जाता है। इसके अलावा रेलवे 10 प्रतिशत सीटें भरने की जगह, 20 प्रतिशत सीटों को भरने पर यह स्कीम लगाने पर भी विचार कर सकती है। वहीं 10 फीसदी किराए में बढ़ौतरी की जगह इस पांच फीसदी करने पर भी विचार हो सकता है। इस पर विचार के लिए एक विशेष कमेटी भी बनाई गई है। इस कमेटी के सिफारिशों के मुताबिक अगर ट्रेन में सीटें ज्‍यादा खाली हों तो टिकट दर घटाई भी जा सकती है।

CAG ने लगाई थी फटकार
बता दें कि पिछले महीने कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (CAG) ने रेलवे को फ्लेक्सीबल फेयर स्कीम को लेकर फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि इस स्कीम से न केवल रेलवे को घाटा हो रहा, बल्कि लोगों को भी इससे परेशानी हो रही है। किराये में वृद्धि से यात्रियों की संख्या पर बहुत फर्क पड़ता है और इसमें भारी कमी दर्ज की जाती है।

एक रिपोर्ट के अनुसार इस स्कीम के शुरु होने के बाद ट्रेनों में यात्रियों से होने वाली आय में इजाफा हुआ है, लेकिन इन ट्रेनों में 2015-16 के मुकाबले 2017 के दौरान यात्रियों की संख्या में कमी आई। 

Created On :   25 Aug 2018 6:49 PM GMT

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