- शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स 249 अंकों की उछाल के साथ खुला
- दिल्ली विधानसभा बजट सत्र आज से होगा शुरू, अनिल बैजल के अभिभाषण से होगी शुरुआत
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राहुल का ट्वीट-'आप इतिहास बनाने में सक्षम, कोई आपको रोकने ना पाए'
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर नारी शक्ति को किया सलाम
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी देशवासियों को शुभकामनाएं
आर्थिक हाल में सुधार के प्रारंभिक संकेत, आगे स्थिति बेहतर होगी: वित्त मंत्रालय

हाईलाइट
- सरकार ने सोमवार को कहा कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं
- रिपोर्ट के अनुसार हालांकि मई और जून में आर्थिक स्थिति में सुधार के शुरूआती संकेत दिखे हैं
- इससे किसी प्रकार के बहारी झटके से निपटने में मदद मिलेगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को कहा कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। कोरोना वायरस संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पुनरूद्धार एवं वृद्धि के रास्ते पर लाने के लिये अनुकूल नीतिगत उपायों के साथ आने वाले समय में और तेजी से पुनरूद्धार की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की जून में जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत की वृद्धि दर शून्य से नीचे 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। यह अप्रैल, 2020 में जारी आईएमएफ के अनुमान के मुकाबले 6.4 प्रतिशत अंक कम है। आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जून महीने के लिये जारी वृहत आर्थिक रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 संक्रमण को लेकर जारी अनिश्चितता और दुनिया भर के अन्य देशों में वृहत आर्थिक मंदी को देखते हुए आईएमएफ ने वैश्विक वृद्धि के अनुमान को कम कर (-) 4.9 प्रतिशत कर दिया है। यह अप्रैल, 2020 के मुकाबले 1.9 प्रतिशत अंक कम है।
रिपोर्ट के अनुसार हालांकि मई और जून में आर्थिक स्थिति में सुधार के शुरूआती संकेत दिखे हैं। बिजली और ईंधन खपत, वस्तुओं का एक राज्य के भीतर और एक राज्य से दूसरे राजयों में आने-जाने, खुदरा वित्तीय सौदों जैसे क्षेत्रों में तेजी देखी जा रही है। इसमें कहा गया है कि प्रत्यक्ष विदेशी निनवेश (एफडीआई), पोर्टफोलियो निवेश बढ़ने और तेल के दाम में नरमी रहने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 जून को 505.6 अरब डॉलर पहुंच गया। इससे किसी प्रकार के बहारी झटके से निपटने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट के अनुसार सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह भी जून में 90,917 करोड़ रुपये रहा जो मई के मुकाबले 46 प्रतिशत और अप्रैल के मुकाबले 181 प्रतिशत अधिक है। इसके अनुसार मार्च में सरकार और आरबीआई के कदम से नीतिगत माहौल अनुकूल बना।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।