एम3एम के पास है 2,200 एकड़ से अधिक का लैंड पार्सल

M3M has land parcel of over 2,200 acres: Pankaj Bansal
एम3एम के पास है 2,200 एकड़ से अधिक का लैंड पार्सल
पंकज बंसल एम3एम के पास है 2,200 एकड़ से अधिक का लैंड पार्सल
हाईलाइट
  • रियल्टी सेक्टर आने वाले वर्षों में तेज उछाल के लिये तैयार है

डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। एम3एम के निदेशक पंकज बंसल का कहना है कि पर्याप्त लैंड पार्सल और समग्र कारोबारी मॉडल वाले रियल एस्टेट डेवलपर्स के पास ग्राहकों के लिये अधिक ऑफर होते हैं। एम3एम इंडिया के पास 2,200 एकड़ से अधिक लैंड पार्सल है, जिससे कंपनी को अन्य कंपनियों की अपेक्षा अधिक तरजीह मिलती है, जो आगे भी जारी रहेगी।

उन्होंने कहा,हम एकीकृत कारोबारी मॉडल पर काम करते हैं। हम इसे एंड-टू-एंड बिल्ट-इन बिजनेस मॉडल कहते हैं, जिसका अर्थ है, जमीन के मालिक होने से लेकर मुद्रीकरण, लाइसेंसिंग, लॉन्चिंग, मार्केटिंग, डिलीवरी और बिक्री के बाद तक यानी पूरी मूल्य श्रृंखला ही एम3एम इंडिया द्वारा सीधे प्रबंधित की जाती है।

उन्होंने कहा, इन कारकों को सीधे प्रबंधित करने से समय और लागत की बचत होती है तथा परियोजनाओं को सुविधाओं और निगरानी के मामले में बेहतर तरीके से एकीकृत किया जा सकता है। एम3एम इंडिया, गुरुग्राम का एक प्रमुख रियल-एस्टेट डेवलपर है, जिसने लगभग 40 परियोजनाओं को विकसित किया है। इन परियाजनाओं में दो करोड़ वर्ग फुट से अधिक जगह शामिल है, जिसमें लगभग 40 लाख वर्ग फुट रिटेल स्पेस है।

यह कंपनी उत्तर भारत में रिटेल स्पेस डिलीवरी के क्षेत्र में अग्रणी है और इसके एम3एम ट्रंप टावर्स और एम3एम गोल्फस्टेट गुरुग्राम में मील के पत्थर और लैंडमार्क हैं। रियल्टी सेक्टर आने वाले वर्षों में तेज उछाल के लिये तैयार है। कई स्टार्टअप 2022-24 के दौरान लगभग तीन करोड़ वर्ग फुट जगह पट्टे पर लेना चाहते हैं। इसका अधिकांश हिस्सा वाणिज्यिक होगा। आवासीय क्षेत्र की मांग में भी 8-10 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है।

रियल एस्टेट में एफडीआई भी 2017-2021 के दौरान तीन गुना बढ़कर लगभग 82 प्रतिशत हो गया है। आवास ऋण लेने में युवाओं की हिस्सेदारी बहुत अधिक हो गयी है और 35 वर्ष से कम आयु के 66 प्रतिशत युवाओं ने यह ऋण लिया है। इस आयुवर्ग का कुल आवास ऋण आधार पिछले तीन वर्षों में लगातार 3.5 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ा है।

बेंगलुरु को पीछे छोड़कर दिल्ली-एनसीआर देश की स्टार्टअप राजधानी के रूप में बदल गया है। गुरुग्राम में और द्वारका एक्सप्रेस वे पर आवासीय और वाणिज्यिक स्पेस की मांग में तेज उछाल आया है। गुरुग्राम प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में तीसरे स्थान पर है। इसने देश में उद्यमशीलता के ईकोसिस्टम को बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

बंसल ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोविड महामारी के प्रकोप के बाद से दुनिया भर में कारोबार धीमा हो गया था लेकिन इस साल की शुरूआत से मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हालांकि, कच्चे माल की कीमतों में लगातार तेजी जारी है लेकिन आवासीय और वाणिज्यिक दोनों संपत्तियों के लिये मांग भी बढ़ रही है।

इस उतार-चढ़ाव को स्थिर करने और लागतों का प्रबंधन करने का एकमात्र तरीका परियोजनाओं की समय पर डिलीवरी है। डिलीवरी में देरी आम तौर पर कच्चे माल की लागत के साथ अन्य लागत और सेवा लागत भी बढ़ा देती है। चूंकि, एम3एम इंडिया की खासीयत परियोजनाओं की समय पर डिलीवरी में निहित है इसीलिए हम ऐसे मूल्य उतार-चढ़ाव के प्रबंधन में बेहतर स्थिति में हैं।

सभी आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं के समय पर वितरण की अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुये कंपनी ने 2018 से पहले 27 परियोजनायें शुरू की थीं, जिनमें से 25 परियोजनायें पहले ही वितरित की जा चुकी हैं। दो परियोजनाओं, प्रतिष्ठित ट्रम्प टावर्स और एम3एम हाइट्स का निर्माण जोरों पर है और इन परियोजनाओं के जल्द ही वितरित होने की उम्मीद है।

कंपनी ने 2018 के बाद पांच नई परियोजनाओं को लॉन्च किया था, जिसमें एम3एम मरीना, एम3एम प्राइव और एम3एम नेचुरा शामिल हैं। ये तीन परियाजनायें पहले ही ग्राहकों को सफलतापूर्वक वितरित की जा चुकी हैं। एम3एम सॉलिट्यूड, एम3एम कैपिटल और एम3एम एट्रियम57 सहित पांच नई लॉन्च की गई परियोजनाओं में निर्माण कार्य जोरों पर है।

एम3एम कैपिटल प्रोजेक्ट एम3एम इंडिया के 3.0 विजन का हिस्सा है। यह द्वारका एक्सप्रेसवे पर सेक्टर 113 गुरुग्राम में एक हा्रई एंड लग्जरी गोल्फ स्टाइल आवासीय परियोजना है। शुरूआत में एम3एम कैपिटल के पांच आवासीय टावर, जो लगभग 16 एकड़ में 644 अपार्टमेंट के साथ बनाये जा रहे थे, उनकी बुकिंग शुरू हो गयी थी। इसमें 2.5 बेडरूम के 294 अपार्टमेंट और 3.5 बेडरूम के 350 अपार्टमेंट थे। यह परियोजना एयरोसिटी और दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के करीब है।

समय पर डिलीवरी, कॉपोर्रेट प्रशासन, पारदर्शिता, स्थिरता और लागत प्रतिस्पर्धा आने वाले वर्षों में रियल्टी में निर्णायक भूमिका निभायेंगे और ऐसा लगता है कि एंड-टू-एंड बिल्ट-इन बिजनेस मॉडल और बैंक ऑफ लैंड-पार्सल वाले डेवलपर्स को निश्चित लाभ होगा।

आईएएनएस

Created On :   29 April 2022 5:00 PM IST

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