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एटलस साइकिल फैक्ट्री बंद होने पर मायावती ने जताई चिंता, सरकार दे ध्यान

हाईलाइट
- एटलस साइकिल फैक्ट्री बंद होने पर मायावती ने जताई चिंता, सरकार दे ध्यान
डिजिटल डेस्क, लखनऊ , 4 जून (आईएएनएस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एटलस साइकिल की फैक्ट्री बंद होने पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने सरकार से इस पर तुरंत ध्यान देने की मांग भी उठाई है। मायावती ने ट्विटर पोस्ट में लिखा, ऐसे समय जबकि लॉकडाउन के कारण बंद पड़े उद्योगों को खोलने के लिए आर्थिक पैकेज आदि सरकारी मदद देने की बात की जा रही है, जबकि यूपी के गाजियाबाद स्थित एटलस जैसी प्रमुख साइकिल फैक्ट्री के धन अभाव में बन्द होने की खबर चिंताओं को बढ़ाने वाली है। सरकार तुरन्त ध्यान दे तो बेहतर है।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, यूपी में घर वापसी करने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों में से मात्र 3 प्रतिशत को ही कोरोना पीड़ित पाए जाने की खबर बड़ी राहत देने वाली है खासकर तब जब कोरोना के बढ़ते रोग के लिए इन्हें ही दोषी ठहराने का प्रयास है व इसी आशंका के तहत इन मजलूमों के घर वापसी में देरी की जा रही थी। ज्ञात हो कि मशहूर साइकिल कंपनी एटलस ने अपना सबसे बड़ा कारखाना बंद कर दिया है। कंपनी ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए कारखाने को बंद करने की बात कही है। कंपनी का कहना है कि उनके पास अब पैसा नहीं बचा है और कारखाना चलाने में वो असमर्थ हैं।
एटलस साइकिल्स (हरियाणा) लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के साहिबाबाद में स्थित अपने सबसे बड़े कारखाना पर एक नोटिस चस्पा किया है। कंपनी ने कहा है कि हम कई वषों से भारी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। हमारे सभी फंड खर्च हो गए हैं। अब हमारे पास कोई अन्य आय के स्रोत नहीं बचे हैं। यहां तक दैनिक खचोर्ं के लिए धन नहीं है। जब तक धन का प्रबंध नहीं हो जाता तब तक कच्चा माल भी नहीं खरीदा जा सकता है। कंपनी ने कहा है कि ऐसी स्थिति में हम कंपनी चलाने में असमर्थ हैं।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।