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ऑटो सेक्टर में मंदी की मार, वित्त मंत्री ने बताया ओला-उबर को जिम्मेदार

हाईलाइट
- ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी के दौर से गुजर रहा है
- वित्त मंत्री ने मंदी के लिए कैब सर्विस को जिम्मेदार बताया है
- चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री ये बात कहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी के लिए ओला-उबर जैसी कैब सर्विस को जिम्मेदार बताया है। सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य पर चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बात कहीं।
सीतारमण ने कहा, ऑटो-मोबाइल इंडस्ट्री BS6 स्टैंडर्ड और मिलेनियल्स के माइंड सेट से सबसे ज्यादा प्रभावित है। मिलेनियल्स आजकल गाड़ी खरीदने की जगह ओला-उबर को तवज्जो दे रहे हैं। उन्होंने कहा, लोग गाड़ी खरीदकर EMI भरने से ज्यादा ओला-उबर से चलना पसंद करते हैं। सीतारमण ने कहा, मंदी से उबरने के लिए अगस्त और सितंबर में सरकार ने दो बड़े ऐलान किए थे। भविष्य में जरूरत पड़ने पर और भी घोषणाएं की जाएंगी।
Finance Minister Nirmala Sitharaman: Automobile industry is now affected by BS6 and the mindsets of millennial, who now prefer to have Ola or Uber rather than committing to buying an automobile pic.twitter.com/6KEecyopH3
— ANI (@ANI) September 10, 2019
बता दें कि अगस्त 2019 में यात्री वाहनों की बिक्री एक साल पहले इसी माह की तुलना में 31.57 प्रतिशत घटकर 1,96,524 वाहन रह गई है। पिछले साल अगस्त में 2,87,198 वाहनों की बिक्री हुई थी। साल 1997-98 के बाद पहली बार इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। घरेलू बाजार में कारों की बिक्री भी 41.09 प्रतिशत घटकर 1,15,957 रह गई जबकि एक साल पहले अगस्त में 1,96,847 कारें बिकी थी।
भारतीय आटोमोबाइल विनिर्माता सोसायटी (सियाम) की ओर से सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार लगातार दसवें महीने अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री कम हुई है। 21 साल बाद वाहनों की बिक्री में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है।
पिछले हफ्ते हुई एक कॉन्फ्रेंस में ऑटो कंपनियों के प्रमुखों ने केंद्र से आग्रह किया था कि वह सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा था, सुस्त मांग के कारण सैकड़ों हजारों लोगों की नौकरियां चली गईं है।
इसके बाद सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि सरकार इस क्षेत्र में मदद करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा था कि वित्त मंत्रालय से पेट्रोल, डीजल और हाइब्रिड वाहनों पर करों में कटौती पर विचार करने के लिए कहा गया है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।