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दैनिक भास्कर हिंदी: सिर्फ 4 प्रतिशत लोग लॉकडाउन खुलने के बाद मॉल जाने के इच्छुक: सर्वे

हाईलाइट
- सिर्फ 4 प्रतिशत लोग लॉकडाउन खुलने के बाद मॉल जाने के इच्छुक : सर्वे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, 2 मई (आईएएनएस)। करीब 200 से अधिक जिलों के हजार से अधिक लोगों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में तीन-चौथाई या 78 फीसदी से अधिक लोग चाहते हैं कि सरकार आवश्यक वस्तुओं सहित सभी वस्तुओं को वितरित करने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को अनुमति दे। लोकल सरल्स के सर्वेक्षण के अनुसार, उपभोक्ता चाहते हैं कि रेड जोन में भी ई-कॉमर्स गैर-आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी करें या फिर लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की सूची में बढ़ोत्तरी करें, ताकि वे अपनी जरूरत के सामान ले सकें।
उपभोक्ताओं का कहना है कि वे लॉकडाउन के बाद स्थानीय दुकानों (दुकान में जाकर या घर पर डिलीवरी) और ई-कॉमर्स साइटों के माध्यम से ही जरूरत की वस्तुओं को खरीदना पसंद करेंगे, जबकि मात्र 4 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे खरीदारी के लिए मॉल जाएंगे। फीडबैक इस बात की ओर संकेत करता है कि उपभोक्ता दूसरी प्राथमिकता की वस्तुएं जल्द खरीदना चाहते हैं, जैसे ऑनलाइन कक्षाओं के लिए किताबें, स्टेशनरी, टैबलेट/लैपटॉप और वर्क फ्रॉम होम के लिए प्रिंटर, फोन एक्सेसरीज, बैटरी, कूलर, एयर कंडीशनर, आदि।
लॉकडाउन के दौरान लोग आवश्यक वस्तुओं के अलावा दूसरी वरीयता वाले आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी न कर पाने को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं। वहीं इस अवधि में ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के खातिर बच्चों के लिए स्टेशनरी, प्रिंटर के सामान, बैटरी, किताबें आदि चीजें बुनियादी एवं आवश्यक हैं। लोकल सरल्स ने यह सर्वेक्षण इसलिए किया, ताकि वे सरकार द्वारा लॉकडाउन हटाने के बाद लोगों द्वारा किस तरह से खरीदारी को प्राथमिकता दी जाएगी, यह जान पाए। इस सर्वेक्षण में भारत भर के 210 जिलों के 12,343 उपभोक्ताओं से 16,000 से अधिक वोट प्राप्त हुए।
लोगों से पहला प्रश्न पूछा गया था कि अगर मई में लॉकडाउन में ढील दी जाती है, तो वे गैर-आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए कहा जाएंगे। इस सवाल के जवाब में कुल 26 फीसदी लोगों ने कहा कि वे इसे ई-कॉमर्स साइट्स से खरीदेंगे, 41 फीसदी लोगों ने कहा कि वे स्थानीय रिटेल स्टोर्स/बाजारों में जाएंगे और 24 फीसदी लोगों ने कहा कि वे इसे स्थानीय रिटेल स्टोर्स से घर तक डिलीवरी के माध्यम से खरीदने की कोशिश करेंगे, जबकि मात्र चार फीसदी ने कहा कि वे मॉल में जाएंगे और अपनी जरूरत के सामान खरीदेंगे।
सर्वेक्षण के अनुसार, यह स्पष्ट है कि लॉकडाउन में ढील होने के बाद भी उपभोक्ता कुछ समय के लिए खरीदारी करने के लिए भीड़-भाड़ वाले मॉल में नहीं जाएंगे और स्थानीय खुदरा स्टोर और ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से गैर-आवश्यक और आवश्यक सामान की खरीदारी करेंगे।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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