पी चिदंबरम ने NDA सरकार पर लगाया आंकड़ों में फेरबदल करने का आरोप
- चिदंबरम ने NDA सरकार पर आंकड़ों में फेरबदल का आरोप लगाया है।
- चिदंबरम ने NDA सरकार पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
- चिदंबरम ने कहा UPA -1 में GDP में 8.36 फीसदी की वृद्धि हुई थी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने NDA सरकार पर आंकड़ों में फेरबदल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार ने आंकड़ों को गिनते वक्त बेस वर्ष 2011-12 कर दिया, जबकि यह 2004-05 था। उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने यह वृद्धि दर उस वक्त हासिल की थी, जब पूरी दुनिया में मंदी छाई हुई थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि 2005-06, 2006-07 और 2007-08 में UPA सरकार के वक्त देश के GDP मे सबसे शानदार बढ़ोतरी देखने को मिली।
कांग्रेस नेता ने कहा कि साल 2000 में NDA कार्यकाल के दौरान भारत की ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) में 5.68 फीसदी की औसत बढ़ोतरी हुई थी। वहीं मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली UPA-1 में GDP में 8.36 फीसदी की वृद्धि हुई थी। जबकि UPA-2 में GDP में 7.68 फीसदी की बढ़ौतरी दर्ज की गई। चिदंबरम ने NDA सरकार पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
The GDP backseries data is finally out.
— Congress (@INCIndia) August 17, 2018
It proves that like-for-like, the economy under BOTH UPA terms (10 year avg: 8.1%) outperformed the Modi Govt (Avg 7.3%) .
The UPA also delivered the ONLY instance of double digit annual growth in modern Indian history. pic.twitter.com/33Qt9x8YZS
The undeniable conclusions are:
— Congress Live (@INCIndiaLive) August 19, 2018
1. UPA 1 UPA 2 delivered the highest decadal growth (8.13% at factor cost) since Independence. It is also a matter of record that during this period 140 million people were lifted out of poverty : @PChidambaram_IN #GDPtruth
चिदंबरम ने NDA की वर्तमान सरकार को बेहद कमजोर बताते हुए कहा कि 2014 में जब सरकार बनी तो इकोनॉमी बहुत अच्छी थी। वहीं मौजूदा सरकार की कुछ गलत नीतियों ने देश की इकोनॉमी को नीचे गिरा दिया। इसी वजह से शुरुआती दो साल अच्छे इकोनॉमी के बावजूद वे इसे जारी नहीं रख सके। चिदंबरम ने सरकार की डिमॉनेटाइजेशन और GST पॉलिसी पर हमला करते हुए कहा कि इन दो वजहों से देश का विकास पटरी से उतर गया।
बता दें कि हाल ही में सरकार की तरफ से कुछ आंकड़ों को जारी किया गया था। यह रिपोर्ट नेशनल स्टैटिस्टिकल कमीशन द्वारा जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में पुराने चेन (2004-05) और नये चेन (2011-12) के कीमतों पर आधारित बढ़ोतरी की तुलना की गई है। इस रिपोर्ट के आने के बाद से NDA और UPA दोनों ही दलों में खुद को बेहतर बताने की होड़ लगी हुई है। वहीं नेशनल स्टैटिस्टिकल कमीशन ने भी रविवार को कहा कि यह फाइनल रिपोर्ट नहीं है। इसे और संशोधित किया जाना बाकी है।
Created On :   19 Aug 2018 6:12 PM GMT