- सरकार के प्रस्ताव पर क्या होगा जवाब? किसान यूनियन आज दोपहर 12 बजे बैठक में लेंगे फैसला
- उज्जैन के MP ने PM मोदी को लिखा पत्र, की नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत रत्न देने की मांग
- पंजाब में आज से खुलेंगे सभी सरकारी और गैर सरकारी विश्वविद्यालय
- यूपीः दो दिन के दौरे पर आज लखनऊ पहुंचेंगे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा
- कन्नड़ अभिनेत्री रागिनी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
पेट्रोल, डीजल के दाम में बढ़ोतरी 10वें दिन जारी, कच्चा तेल भी तेज

हाईलाइट
- पेट्रोल, डीजल के दाम में बढ़ोतरी 10वें दिन जारी, कच्चा तेल भी तेज
नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)। वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल में आई तेजी के बाद भारत में पेट्रोल और डीजल की मंहगाई थमने का नाम नहीं ले रही है। तेल विपणन कंपनियों ने मंगलवार को लगातार 10वें दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला जारी रखा। उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में लगातार दूसरे दिन तेजी बनी हुई थी। ब्रेंट क्रूड का भाव फिर 40 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है।
देश की राजधानी दिल्ली में इन 10 दिनों में पेट्रोल 5.47 रुपए लीटर महंगा हो गया है और डीजल के दाम में 5.82 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो गई है।
तेल विपणन कंपनियों ने मंगलवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमतों में क्रमश: 47 पैसे, 45 पैसे, 45 पैसे, 41 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की। वहीं, डीजल के दाम में चारों महानगरों में क्रमश: 57 पैसे, 51 पैसे, 54 पैसे और 48 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत बढ़कर क्रमश: 76.73 रुपये, 78.55 रुपये, 83.62 रुपये और 80.37 रुपये प्रति लीटर हो गई। डीजल का दाम भी चारों महानगरों में बढ़कर क्रमश: 75.19 रुपये, 70.84 रुपये, 73.75 रुपये और 73.17 रुपये प्रति लीटर हो गया है।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर मंगलवार को अगस्त डिलीवरी ब्रेंट क्रूड के वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 0.58 फीसदी की तेजी के साथ 39.95 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 39.99 डॉलर प्रति बैरल तक चढ़ा। पिछले सत्र में ब्रेंट क्रूड के दाम में करीब चार फीसदी की तेजी आई थी।
वहीं, न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई के जुलाई डिलीवरी अनुबंध पिछले सत्र से 0.30 फीसदी की तेजी के साथ 37.23 डॉलर प्रति बैरल पर कोराबार चल रहा था जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान डब्ल्यूटीआई का भाव 37.44 डॉलर प्रति बैरल तक उछला।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।