पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए : प्रधान

Petroleum products should be brought under the purview of GST: Pradhan
पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए : प्रधान
पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए : प्रधान

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं इस्पात मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने सोमवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की अपील की।

प्रधान यहां सेरा वीक के तीसरे इंडिया एनर्जी फोरम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में वित्तमंत्री भी मौजूद थीं।

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि एटीएफ (एविएशन टरबाइन फ्यूल) और प्राकृतिक गैस पर जीएसटी लगाने के साथ पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की पहल की जाए।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के निर्णायक नेतृत्व में दो साल पहले ऐतिहासिक कर सुधार के रूप में जीएसटी व्यवस्था शुरू की गई थी, लेकिन पेट्रोलियम क्षेत्र की जटिलता तथा इस क्षेत्र में राज्य सरकारों की राजस्व निर्भरता को देखते हुए पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया। अब पेट्रोलियम उद्योग की ओर से इसे जीएसटी के दायरे में लाने की लगातार मांग की जा रही है।

प्रधान ने कहा, खुला क्षेत्रफल लाइसेंसिंग नीति (ओएएलपी) के तहत सरकार तीन राउंड की सफल बोली लगा चुकी है जबकि दो राउंड बोली डीएसएफ के तहत लगायी जा चुकी है। इन बोली प्रक्रियों के जरिए देश में तेल एंव प्राकृतिक गैस के खनन और उत्पादन के क्षेत्र में 2023 तक 58 अरब डॉलर के अनुमानित निवेश की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा, मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि गैस पाइप लाइन, टर्मिनलों और शहरों में गैस बुनियादी ढांचे के निर्माण क्षेत्र में 60 अरब डॉलर का अनुमानित निवेश होने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में गैस वितरण नेटवर्क से आने वाले समय में देश की 70 फीसदी आबादी को अल्प कार्बन उत्सर्जन वाली प्राकृतिक गैस मुहैया होगी।

प्रधान ने कहा कि तेल आयात पर निर्भरता कम करने के लिए 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इससे एक ओर कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा तो दूसरी ओर पर्यावरण अनुकूल ईंधन के इस्तेमाल को प्रोत्साहन मिलेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने कहा कि भारत विदेशी निवेशकों का आकर्षक स्थल बनता जा रहा है। कॉर्पोरेट टैक्स घटाने की हाल की घोषणा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश में निवेश के लिए अब अनुकूल माहौल बन चुका है। कंपनी कानून और आईबीसी कोड में किए गए बदलाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब नियमों के अनुपालन पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार के लिए ऊर्जा क्षेत्र सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस क्षेत्र में निवेशकों से किए वादे पूरे किए जाएंगे।

तीन दिवसीय इस सम्मेलन में 15 देशों और 300 कंपनियों के 1200 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

Created On :   14 Oct 2019 4:30 PM GMT

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