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PMC बैंक के सस्पेंडेड एमडी ने कहा- NPA छिपाने के लिए डमी अकाउंट का किया इस्तेमाल

हाईलाइट
- पीएमसी बैंक ने एनपीए को रिजर्व बैंक से छिपाने के लिए डमी अकाउंट का इस्तेमाल किया
- बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस ने अपनी चिट्ठी में इसका खुलासा किया है
- बैंक ने करीब एक दशक तक एचडीआईएल को एनपीए घोषित करने से बचाए रखा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक ने अपने बैड लोन को रिजर्व बैंक से छिपाने के लिए डमी अकाउंट का इस्तेमाल किया। बैंक ने करीब एक दशक तक रियल एस्टेट कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के खाते को एनपीए घोषित करने से बचाए रखा। बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस ने अपनी चिट्ठी में इसका खुलासा किया है।
जॉय थॉमस ने 21 सितंबर को सेंट्रल बैंक के एक वरिष्ठ पर्यवेक्षक अधिकारी को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा कि 'पीएमसी बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक से हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के ओवसाइज लोन को छिपाने के लिए 'डमी खाते' और अन्य तरीकों का इस्तेमाल किया।' उन्होंने कहा, 'RBI के निरीक्षण के दौरान हर साल हम RBI से जानकारी छिपाने के कारण बहुत तनाव में रहते थे। थॉमस ने कहा कि उन्होंने पीएमसी बोर्ड और बैंक के ऑडिटर्स से सही एक्सपोज़र छिपाया है।
थॉमस ने कहा कि उन्होंने 2008 से बैंक के लार्ज एक्सपोजर पर RBI को रिपोर्ट करना बंद कर दिया था। ऐसा उन्होंने रेपुटेशनल रिस्क के कारण किया था। 2011 तक बैंक में HDIL का एक्सपोजर 1,020 करोड़ रुपये (144 मिलियन डॉलर) था, जोकि बैंक के टोटल एडवांसेज 2000 करोड़ के आधे से ज्यादा था। RBI सिंगल बॉरोवर को कुल के पांचवे हिस्से से ज्यादा एक्सपोजर देने तक सीमित करता है, लेकिन बैंक ने इसका पालन नहीं किया।
थॉमस ने माना कि एचडीआईएल समूह को दिया गया लोन 19 सितंबर 2019 को 6,500 करोड़ रुपए से अधिक था, जो 19 सितंबर 2019 तक बैंक के 8,880 करोड़ रुपए के कुल लोन का 73 प्रतिशत है।’ थॉमस ने पत्र में यह भी स्वीकार किया कि बैंक का कुल एनपीए 60 से 70 प्रतिशत है।
पिछले हफ्ते, RBI ने PMC से निकासी को सीमित करने का कदम उठाया था। पहले निकासी को केवल 1000 रुपए और बाद में बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दी गई। PMC में सामने आए इस घोटाले के बाद जमाकर्ताओं ने बैंक की शाखाओं का घेराव भी किया। आरबीआई ने थॉमस सहित पूर्व प्रबंधन को भी हटा दिया है। वित्तीय अनियमितताओं सहित अन्य वजहों के चलते इन्हें हटाया गया है। आरबीआई के इस कदम से अब बैंक को एचडीआईएल का पूरा लोन एनपीए करना होगा।
पीएमसी बैंक में 11 हजार करोड़ रुपये जमा है। कई लोगों की इसमें लाखों रुपये की एफडी है। बैंक पर प्रतिबंध लगने के बाद मुंबई में कई शाखाओं पर लोगों को रोते हुए देखा गया। जिन लोगों ने इस बैंक में खाता खोला हुआ है उनमें ऑटो रिक्शा चालक, टैक्सी ड्राइवर्स, छोटे कारोबारी, पेंशनर्स, गृहणी शामिल हैं।
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