रिलायंस कैपिटल के बोलीदाताओं ने 20,000 करोड़ रुपये की देनदारी से जुड़े कई कानूनी मुद्दों को दिखाई हरी झंडी

Reliance Capitals bidders flagged several legal issues related to liabilities of Rs 20,000 crore
रिलायंस कैपिटल के बोलीदाताओं ने 20,000 करोड़ रुपये की देनदारी से जुड़े कई कानूनी मुद्दों को दिखाई हरी झंडी
कानूनी लड़ाई रिलायंस कैपिटल के बोलीदाताओं ने 20,000 करोड़ रुपये की देनदारी से जुड़े कई कानूनी मुद्दों को दिखाई हरी झंडी
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। जैसे-जैसे बोलियां जमा करने की समय सीमा नजदीक आ रही है, हिंदुजा, टोरेंट, ज्यूरिख और पिरामल समेत रिलायंस कैपिटल के बोलीदाताओं ने रिलायंस कैपिटल और उसकी सहायक कंपनियों को शामिल करते हुए ऋणदाताओं और प्रशासक को विभिन्न कानूनी मुद्दों को हरी झंडी दिखाई है। इन कानूनी मुद्दों में 22,000 करोड़ रुपये की संचयी देनदारी शामिल है, और उन्हें आरसीएपी की रिजॉल्यूशन प्लान के सफल समापन के लिए बेहतर तरीके की आवश्यकता है।

बोलीदाताओं ने जिन दो बड़े मुद्दों को हरी झंडी दिखाई, वे हैं रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) का रिसॉल्यूशन और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के शेयरों के नियंत्रण के लिए प्रशासक और आईडीबीआई ट्रस्टीशिप के बीच कानूनी लड़ाई, जो एनसीएलटी में लंबित है।ऑटम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को जून 2021 में आरएचएफएल के लिए सफल बोलीदाता के रूप में चुना गया था, लेकिन डिबेंचर हॉल्डर्स से जुड़े विभिन्न मुकदमों के कारण रिसॉल्यूशन प्रोसेस अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

आरएचएफएल का कुल कर्ज 11,500 करोड़ रुपये है। जहां तक रिलायंस जनरल इंश्योरेंस का सवाल है, इंडिपेंडेंट एच्कुरियल टावर वाटसन ने इस कारोबार का मूल्यांकन 9,500 करोड़ रुपये किया है। इनके अलावा, दो अन्य कानूनी मामलों में बोली लगाने वालों ने रिलायंस कैपिटल के खिलाफ एक्सिस बैंक का 150 करोड़ रुपये का दावा किया है, और एक मामला प्रशासक और इंडसइंड बैंक से जुड़ा है, जिसमें निप्पॉन एसेट मैनेजमेंट शेयरों की मध्यस्थता शामिल है।

इस मामले में कुल देनदारी 650 करोड़ रुपये है। बोलियां जमा करने की अंतिम तिथि 28 नवंबर है। इन कानूनी मामलों का क्विक रिसॉल्यूशन, आरसीएपी रिसॉल्यूशन के सफल समापन के लिए एक चुनौती है। रिलायंस कैपिटल को अपने कई व्यवसायों के लिए 14 गैर-बाध्यकारी बोलियां प्राप्त हुई थीं। छह कंपनियों ने पूरी कंपनी के लिए बोलियां जमा की थीं, जबकि बाकी बोलीदाताओं ने इसकी कई सहायक कंपनियों के लिए बोलियां जमा की थीं।

टॉरेंट, इंडसइंड, ओकट्री, कॉस्मिया फाइनेंशियल, ऑथम इन्वेस्टमेंट और बी राइट रियल एस्टेट ने रिलायंस कैपिटल की पूरी संपत्ति के लिए 4,000 करोड़ रुपये से 4,500 करोड़ रुपये की बोली जमा की है। रिलायंस जनरल इंश्योरेंस बिजनेस के लिए पिरामल फाइनेंस ने 3,600 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जबकि ज्यूरिख इंश्योरेंस की बोली 3,700 करोड़ रुपये है। तीसरी बोली लगाने वाले एडवेंट ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के लिए 7,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई है।

जिंदल स्टील एंड पावर और यूवीएआरसी ने रिलायंस कैपिटल के एआरसी बिजनेस के लिए बोलियां जमा कर दी हैं। रिलायंस कैपिटल की अन्य संपत्तियों के लिए, 3 बोलीदाताओं च्वाइस इक्विटी, ग्लोबल फिनकैप और ग्रैंड भवन ने बोलियां जमा की हैं। आरसीएपी के लाइफ इंश्योरेंस बिजनेस, आरएनएलआईसी को कोई बोली नहीं मिली थी, लेकिन बाद में आदित्य बिड़ला कैपिटल और निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस, जो पहले से ही आरएनएलआईसी में 49 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं, ने इस बिजनेस में आरसीएपी की 51 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने में रुचि दिखाई है।

रिलायंस कैपिटल की रिसॉल्यूशन प्रोसेस की शुरूआत में 54 से अधिक कंपनियों ने अपनी विभिन्न संपत्तियों के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जमा की थी, जिनमें से केवल 14 अब मैदान में हैं।

सोर्सः आईएएनएस

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Created On :   2 Nov 2022 5:01 PM IST

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