10 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई दर, IIP ग्रोथ बढ़कर हुई 4.3%

Retail inflation at 10-month high, IIP growth remains 4.3 per cent
10 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई दर, IIP ग्रोथ बढ़कर हुई 4.3%
10 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई दर, IIP ग्रोथ बढ़कर हुई 4.3%
हाईलाइट
  • खुदरा महंगाई दर के अगस्त माह के आंकड़े गुरुवार को जारी किए गए
  • जुलाई महीने में यह 3.15 प्रतिशत थी
  • फूड आइटम्स महंगे होने के चलते खुदरा महंगाई दर 10 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। खुदरा महंगाई दर के अगस्त माह के आंकड़े गुरुवार को जारी किए गए। फूड आइटम्स महंगे होने के चलते खुदरा महंगाई दर 10 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर अगस्त 2019 में बढ़कर 3.21% हो गई। जुलाई महीने में यह 3.15 प्रतिशत थी। इसके अलावा जुलाई में इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) ग्रोथ बढ़कर 4.3% पर पहुंच गई। जून में यह 2% थी। सेंट्रल स्टेटस्टिक्स ऑफिस ने ये आंकड़े जारी किए हैं।

गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर फूड प्राइज इंडेक्स जुलाई के 2.36% के मुकाबले बढ़कर 2.99% पर पहुंच गया है। ईंधन और बिजली की महंगाई दर जुलाई के -0.36% के मुकाबले घटकर -1.7% हो गई। हाउसिंग इंफ्लेशन जुलाई में 4.87% था जो अगस्त में घटकर 4.84% पर पहुंच गया। सब्जियों की महंगाई दर 2.82% से बढ़कर 6.90% हो गई। जुलाई के 1.65% की तुलना में अगस्त में कपड़ों और जूतों की महंगाई दर घटकर 1.23% हो गई। दालों की महंगाई दर 6.82% के मुकाबले बढ़कर 6.94% हो गई।

क्या होता है CPI इंडेक्स?
CPI यानि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक। यह रिटेल महंगाई का इंडेक्स है। रिटेल महंगाई वह दर है, जो जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। यह खुदरा कीमतों के आधार पर तय की जाती है। भारत में खुदरा महंगाई दर में खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी की करीब 45% है। दुनिया भर में ज्यादातर देशों में खुदरा महंगाई के आधार पर ही मौद्रिक नीतियां बनाई जाती हैं।

आईआईपी ग्रोथ बढ़कर 4.3 फीसदी पर
जुलाई 2019 में आईआईपी ग्रोथ बढ़कर 4.3 फीसदी पर पहुंच गई है। जून में यह 2 फीसदी थी। खासकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और माइनिंग सेक्टर में आई बढ़त की वजह से इंडस्ट्रियल आउटपुट ग्रोथ में बढ़त देखी गई है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 1.2 फीसदी से बढ़कर 4.2 फीसदी पर आ गई है। महीने दर महीने के आधार पर जुलाई में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 1.6 फीसदी से बढ़कर 4.9 फीसदी पर पहुंच गई है।

इंटरमीडियेट गु्ड्स सेक्टर की ग्रोथ 12.4 फीसदी से बढ़कर 13.9 फीसदी हो गई है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर की ग्रोथ -2.7 फीसदी दर्ज की गई है जून में यह -5.5 फीसदी थी। जबकि नॉन कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर की ग्रोथ 7.8 फीसदी से बढ़कर 8.3 फीसदी हो गई है। जुलाई में प्राइमरी गुड्स ग्रोथ 0.5 फीसदी से बढ़कर 3.5 फीसदी हो गई है। कैपिटल गुड्स ग्रोथ -6.5 फीसदी से घटकर -7.1 फीसदी हो गई है। महीने दर महीने आधार पर जुलाई में इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ 8.2 फीसदी से घटकर 4.8 फीसदी पर पहुंच गई है।

Created On :   12 Sep 2019 12:53 PM GMT

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