दिल्ली के सदर बाजार को वोकल फॉर लोकल के लिए तय करना होगा लंबा रास्ता (आईएएनएस विशेष)

Sadar Bazar of Delhi has to decide long way for Vocal for Local (IANS Special)
दिल्ली के सदर बाजार को वोकल फॉर लोकल के लिए तय करना होगा लंबा रास्ता (आईएएनएस विशेष)
दिल्ली के सदर बाजार को वोकल फॉर लोकल के लिए तय करना होगा लंबा रास्ता (आईएएनएस विशेष)
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में स्थानीय खिलौनों के बारे में मुखर अपील ने सदर बाजार, दिल्ली के प्रतिष्ठित थोक खिलौना बाजार में मिश्रित भावनाओं को जन्म दिया है।

भारत द्वारा आयातित खिलौनों पर सख्त गुणवत्ता अनुपालन आवश्यकताओं की घोषणा करने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने 23 अगस्त को भारतीय खिलौनों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी। इसमें नए डिजाइन को बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया। हालांकि दिल्ली के लोकप्रिय खिलौना बाजार में कई हितधारक इन महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में संदेह में हैं। इस बाजार में मुख्य रूप से सस्ते चीनी खिलौनों का प्रभुत्व है।

सदर बाजार, पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक की ओर जाने वाली खारी बावली सड़क के पश्चिमी किनारे पर स्थित है, जो राजधानी का सबसे बड़ा खिलौना बाजार है। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव राजेंद्र शर्मा के अनुसार, राष्ट्रव्यापी बंद से पहले सदर बाजार में बिकने वाले 70 प्रतिशत खिलौने चीन निर्मित होते थे और सीमा तनाव के बावजूद, चीनी उत्पाद अभी भी बाजार का हिस्सा बने हुए हैं। ट्रेडर्स एसोसिएशन के साथ 80 संगठन जुड़े हुए हैं।

शर्मा ने कहा कि सपने और वास्तविकता के बीच एक बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा, भारतीय खिलौना निर्माताओं के लिए मुख्य समस्या एक कारखाना स्थापित करने में आने वाली कठिनाइयां हैं। जमीन पर अधिकारी इतनी सारी समस्याएं पैदा कर देते हैं कि कोई भी व्यवसाय शुरू करने की इच्छा नहीं रखता है। सबसे पहले, प्रधानमंत्री को व्यवसाय के लिए अनुकूल माहौल बनाना चाहिए। सरकार को इसकी आवश्यकता है।

शर्मा ने आईएएनएस को बताया, इसे व्यवसाय के अनुकूल बनाने के लिए मिशन मोड में काम करना चाहिए। इसके बाद खिलौना उद्योग के लिए नीतियों में संशोधन की जरूरत है।

शर्मा ने कहा कि देश में खिलौना उद्योग को आत्मनिर्भर भारत में शामिल होने से पहले एक लंबा रास्ता तय करना है। इस पर उन्होंने टेडी बियर का उदाहरण दिया। शर्मा ने कहा, भारत में निर्मित टेडी बियर के लिए कच्चा माल चीन से आता है। अब आप ही तय करें कि चीनी सामग्री वाला उत्पाद मेड इन इंडिया होगा या मेड इन चाइना होगा। इसके अलावा चीनी टेडी बियर सस्ते और आकर्षक हैं, जिससे आसानी से बच्चे आकर्षित होते हैं।

दरअसल, चीनी खिलौने आकर्षक होने के साथ ही फीचर्स के मामले में भी काफी आगे हैं। आयरन मैन, बैटमैन और बेन-10 जैसे विख्यात किरदारों पर आधारित खिलौने की बहुत मांग है और चीन इनका बड़े पैमाने पर उत्पादन करता है। भारतीय घरेलू खिलौना निर्माण की चुनौती मानकों पर खरा उतरते हुए कम लागत में शानदार खिलौनों का उत्पादन करने की होगी।

कई थोक विक्रेताओं ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया कि आम आदमी पार्टी (आप) शासित दिल्ली सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित दिल्ली नगर निगम के बीच समन्वय की कमी है, जिसके कारण बाजार में कानून-व्यवस्था बिगड़ गई है।

थोक विक्रेताओं में से एक ने कहा, बाजार में नियमित रूप से लोगों की जेब से सामान साफ कर लिया जाता है। महिलाएं अक्सर असुरक्षित महसूस करती हैं। जब तक इन मुद्दों पर संज्ञान नहीं लिया जाता, भारतीय थोक व्यापारी चीनी खिलौना निमार्ताओं के हिस्से में सेंध लगाने की उम्मीद नहीं कर सकते।

शर्मा का कहना है कि राष्ट्रव्यापी बंद और भारत-चीन सीमा संघर्ष ने स्थिति को और अधिक विकट कर दिया है। उन्होंने कहा, राष्ट्रव्यापी बंद से पहले हर महीने लगभग 200 कंटेनर आते थे। लेकिन जब से सीमा पर झड़प शुरू हुई है, तब से यह संख्या घटकर 20 रह गई है।

एकेके/एसजीके

Created On :   1 Sep 2020 6:00 PM GMT

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