बांग्लादेश के लिए शेख हसीना का प्रोत्साहन पैकेज ऋण आश्रित

Sheikh Hasinas incentive package for Bangladesh loan dependent
बांग्लादेश के लिए शेख हसीना का प्रोत्साहन पैकेज ऋण आश्रित
बांग्लादेश के लिए शेख हसीना का प्रोत्साहन पैकेज ऋण आश्रित

ढाका, 13 जून (आईएएनएस)। बांग्लादेश में अर्थशास्त्रियों ने शेख हसीना सरकार द्वारा कोरोनावायरस महामारी के कारण आई आर्थिक सुस्ती से देश को उबारने के लिए प्रस्तावित बड़े बजट के कार्यान्वयन पर संदेह प्रकट किया है।

बांग्लादेश के वित्तमंत्री मुस्तफा कमाल ने गुरुवार को 568,000 करोड़ बांग्लादेशी टका (बीडीटी) के प्रस्तावित बजट को संसद में रखा। प्रस्तावित बजट के साथ ही 3768,000 करोड़ बीडीटी राजस्व संग्रह लक्ष्य और बजट में 1,90,000 करोड़ बीडीटी घाटा शामिल है।

हालांकि अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि 2020-21 वित्तीय वर्ष के लिए ऋण पर निर्भर बजट को लागू करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि कोरोनावायरस महामारी के बीच राजस्व संग्रह सिकुड़ गया है।

कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 2020-21 के लिए प्रस्तावित बजट को कमजोर संरचना के साथ घोषित किया गया है, क्योंकि संसाधन संग्रह लक्ष्य यथार्थवादी नहीं है।

ढाका के विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि का सरकार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि पूरा विश्व ही कोविड-19 के प्रकोप से ग्रस्त है।

हालांकि देश के केंद्रीय बैंक, बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर अतीउर रहमान ने महामारी से व्याप्त आर्थिक मंदी से निपटने के लिए सरकार के प्रोत्साहन पैकेज का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह बैंकिंग क्षेत्र के माध्यम से संचालित होगा, जो संकट में है।

उन्होंने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा कि यह बेहतर है कि सरकार बांग्लादेश बैंक से जो भी ऋण ले, वह सुरक्षित हो।

उन्होंने कहा, फिर भी मुझे लगता है कि हमें अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से ऋण लेना चाहिए। यह लचीली परिस्थितियों और कम ब्याज दर वाले ऋण के लिए सही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हालांकि इसमें कुछ जोखिम भी है।

उन्होंने कहा कि सरकार जोखिम वाले कारकों के बारे में काफी जागरूक है। उन्होंने कहा, संकट से उबरने के लिए हमें एक साल का इंतजार करना होगा। हमारा कर्ज 34 प्रतिशत है, लेकिन हमारा विदेशी मुद्रा बहुत मजबूत है।

बांग्लादेश के एक प्रमुख थिंकटैंक सेंटर फॉर पॉलिसी डायलॉग (सीपीडी) की कार्यकारी निदेशक फहमीदा खातून ने प्रस्तावित बजट को पारंपरिक बताते हुए कहा कि जीडीपी वृद्धि के बजाय गरीबी को दूर करना, भेदभाव को दूर करना और रोजगार का सृजन करना प्राथमिकता होनी चाहिए।

बांग्लादेश इकोनॉमिस्ट एसोसिएशन (बीईए) के अध्यक्ष अर्थशास्त्री अबुल बरकत के अनुसार, बजट काफी अवास्तविक है और साथ ही यह लोगों को फायदा पहुंचाने वाला भी नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोरोनावायरस महामारी के पहले 66 दिनों में ही लगभग 3.6 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है।

अर्थशास्त्री बरकत ने कहा कि बीईए के प्रस्तावित वैकल्पिक बजट को बिना किसी विदेशी समर्थन और बैंक ऋण के लागू किया जा सकता है।

उन्होंने कोरोनावायरस महामारी से लड़ने के लिए सीमित मात्रा में धन (बांग्लादेशी टका) छापने का भी सुझाव दिया।

बीईए ने सोमवार को अगले वित्त वर्ष के लिए 13,96,00,000 करोड़ बीडीटी का वैकल्पिक बजट रखा था। वैकल्पिक बजट वर्तमान वित्तीय बजट के आकार से 2.47 गुना अधिक है। देश के अर्थशास्त्रियों की शीर्ष संस्था बीईए ने राजस्व संग्रह 12,61,600 करोड़ बीडीटी और घाटे का लक्ष्य 1,35,000 करोड़ बीडीटी रखा है। इस प्रस्तावित बजट में कहा गया है कि इस घाटे को बांड बाजार, बचत प्रमाणपत्र (सेविंग सर्टिफिकेट) और सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) से वित्तपोषित किया जाएगा।

Created On :   13 Jun 2020 2:31 PM GMT

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