मंद पड़ी मानसून की चाल, दलहन, तिलहन फसलों को बारिश की दरकार

Slow monsoon move, pulses, oilseed crops need rain
मंद पड़ी मानसून की चाल, दलहन, तिलहन फसलों को बारिश की दरकार
मंद पड़ी मानसून की चाल, दलहन, तिलहन फसलों को बारिश की दरकार

नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। मानसून इस साल सही वक्त पर आया और तेज रफ्तार के साथ पूरे देश को कवर कर सीजन की शुरुआत में खूब मेहरबानी दिखाई लेकिन जुलाई से इसकी चाल सुस्त पड़ गई है, जिससे देश के कई इलाकों में खरीफ फसल प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। खासतौर से राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में दलहन और तिलहन की फसलों को बारिश की दरकार है।

जानकार बताते हैं कि अगले एक सप्ताह से 10 दिनों तक बारिश नहीं हुई तो कपास, सोयाबीन, उड़द, मूंग व अन्य दलहन फसलों को नुकसान हो सकता है।

भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, चालू मानसून सीजन में एक जून से लेकर तीन अगस्त के दौरान औसत से दो फीसदी कम बारिश हुई है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और गुजरात समेत देश के 36 मानसून सबडिवीजन में से छह में सूखा रहा है। मतलब औसत से 20 फीसदी या उससे ज्यादा बारिश का अभाव रहा है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, ओडिशा समेत देश के अधिकांश हिस्सों में कम बारिश हुई है।

आईएमडी के अनुसार, जून में देशभर में औसत से 17 फीसदी ज्यादा बारिश हुई जबकि जुलाई में 10 फीसदी कम बारिश हुई है।

ताजा आंकड़ों के अनुसार, पूरे सीजन में अब तक दो फीसदी कम बारिश हुई है। हालांकि एक जून से तीन अगस्त तक देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर में औसत से 10 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है जबकि उत्तर पश्चिम भारत में 20 फीसदी और मध्य भारत में सात फीसदी कम। वहीं, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में इस दौरान 14 फीसदी अधिक बारिश हुई है।

ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में बारिश कम होने से दलहन फसलों की वृद्धि रुकने की आशंका है, जिससे पैदावार पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों से जो रिपोर्ट मिल रही है उसके अनुसार, अगले एक चार दिन से एक सप्ताह के भीतर अगर बारिश नहीं होगी तो दलहनों की फसल की पैदावार पर असर पड़ सकती है।

कुछ इसी प्रकार की रिपोर्ट खाद्य तेल उद्योग संगठन साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पास है। एसईए के कार्यकारी निदेश डॉ. बी.वी मेहता ने आईएएनएस को बताया कि सोयाबीन, कपास समेत तमाम तिलहन और दलहन फसलों के लिए इस समय बारिश बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर 10 दिनों के भीतर बारिश नहीं होगी तो फसल खराब हो सकती है, जिससे पैदावार पर असर होगा।

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि देश में दलहनों और तिलहनों की खेती मुख्य रूप से असिंचित भूमि क्षेत्र में होती है जहां मानसून की अच्छी बारिश का काफी महत्व होता है। लेकिन अभी तक मानसून कमजोर रहने का अनुमान नहीं है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। अगस्त में अच्छी बारिश होने का अनुमान है, इसलिए इस समय फसल को नुकसान का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।

आईएमडी ने मानूसन सीजन के आखिरी दो महीनों में 104 फीसदी बारिश का पूवार्नुमान जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगस्त में 97 फीसदी बारिश हो सकती है।

Created On :   3 Aug 2020 5:30 PM IST

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