भंडारा: सिंचाई कुआं योजना से किसानों ने मोड़ा मुंह, केवल छह सौ किसानों का हुआ पंजीयन

सिंचाई कुआं योजना से किसानों ने मोड़ा मुंह, केवल छह सौ किसानों का हुआ पंजीयन
  • सिंचाई कुआं योजना से किसानों का मोह भंग
  • राशि पहले देने की लाभार्थियों ने की मांग
  • अब तक ज्यादा पंजियन नहीं

डिजिटल डेस्क, तुमसर (भंडारा) महेश गायधने | शासन की महत्वकांक्षाी योजना के तहत एक से पांच एकड़ तक कृषि भूमिवाले किसानों को शासन द्वारा सिंचाई कुएं मंजूर किए जाते है। इसके तहत भंडारा जिले के तुमसर तहसील को कुल 1455 सिंचाई कुओं का लक्ष्य दिया गया था। पर इस योजना से किसानों ने मुंह मोड़ा है। जिससे जिले में अब तक केवल 602 किसानों ने ही सिंचाई कुओं के लिए पंजीयन किया है।इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शासन द्वारा जिला प्रशासन को नवंबर 2023 से 15 फरवरी 2024 तक सिंचाई कुओं के लिए पंजीयन करने के निर्देश प्राप्त हुए है। ग्राम पंचायत के नियोजन के अनुसार सिंचाई कुओं का पंजीयन किया जाता है। शासन ने 1455 सिंचाई कुएं मंजूर किए है। एक गांव में कम से कम 15 लाभार्थियों को सिंचाई कुओं का लाभ दिया जाएगा। लेकिन अब तक केवल 602 किसानों ने ही सिंचाई कुओं के लिए पंजीयन किया है। शासन द्वारा छोटे किसानों को सिंचाई कुएं के लिए चार लाख रुपयों की निधि दी जाती है। पर केवल मजदूरों की मजदूरी देने का नियोजन शासन द्वारा है। यह मजदूरी भी समय पर नहीं मिलती। ऊपर से दस्तावेजों को पूर्ण करने में समय बीत जाता है। कुएं का निर्माण करने वाले मजदूरों को प्रत्येक सप्ताह में मजदूरी देना जरूरी है। छोटे किसानों को स्वयं के रुपयों से निर्माण के लिए जरूरी सामग्री की खरीदी करनी पड़ती है। ऐसे में निर्माण कार्य के लिए रुपए कहा से लाएं?

यह सवाल लाभार्थियों को परेशान करता है।

दस्तावेज जुटाना कठिन : शासन की निधि से कुआं बनाने का लाभ लेने के लिए किसानों को कई दस्तावजों की जरूरत पड़ती है। जिसमें लाभार्थियों का जॉब कार्ड, नियोजन में नाम, सातबारा, नकाशा, नमुना आठ आदि दस्तावेज जरूरी है। जॉब कार्ड की शर्त रहने से किसान कुएं के लिए पंजीयन नहीं कर रहे हैं।

जटिल शर्तें हटाने की जरूरत : शासन द्वारा सिंचाई कुएं का लाभ देते समय किसानों पर लगाई गई जटिल शर्ते हटाने की आवश्यकता है। शुरुआत में ही लाभार्थी के खाते में एक लाख रुपए जमा करने की आवश्यकता है। शासन ने अलग अलग चरनों में निधि दी तो सिंचाई कुएं का लक्ष्य पूर्ण हो सकता हैं।

राशि पहले देने की लाभार्थियों ने की मांग

श्रीकृष्ण घटारे, सहायक खंडविकास अधिकारी, पंचायत समिति, तुमसर के मुताबिक सिंचाई कुएं का निर्माण करते समय शासन द्वारा केवल मजदूरों को मजदूरी दी जाती है। पर पहले राशि नहीं दी जाती। लाभार्थियों द्वारा पहले राशि देने की मांग की जाती हैं।


Created On :   31 Jan 2024 11:56 AM GMT

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