एंटी रैगिंग अभियान: आरएनटीयू एन एस एस व इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ ने किया एंटी रैगिंग अभियान के अंतर्गत आयोजन

आरएनटीयू एन एस एस व इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ ने किया एंटी रैगिंग अभियान के अंतर्गत आयोजन
  • अच्छे व्यवहार से आता है अनुशासन, सीनियर छात्रों का व्यवहार ही जूनियर्स को बनाता है अनुशासित- राजन, इंस्पेक्टर सीआईडी भोपाल
  • रैगिंग नहीं व्यवहार से बनाएं जूनियर्स को अपना- राजन, इंस्पेक्टर सीआईडी भोपाल
  • एंटी रैगिंग अभियान के अंतर्गत हुआ पोस्टर निर्माण तथा नाट्य प्रतियोगिता का आयोजन

भोपाल। यूजीसी के निर्देशानुसार रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल के विधि संस्थान व राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा सुश्री संजना चतुर्वेदी एवं गब्बर सिंह के समन्वय में एंटी रैगिंग अभियान के अंतर्गत अंतर महाविद्यालयीन स्तर पर पोस्टर तथा नाट्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सीआईडी भोपाल के इंस्पेक्टर राजन अहिरवार उपस्थित रहे। इस अवसर पर श्री राजन ने अपने कालेज के दिनों के वो किस्से भी सुनाए जब उनके साथ भी रैगिंग हुई थी। साथ ही उन्होंने कहा कि सीनियर छात्र अपने सीनियर होने के झूठे दंभ को संतुष्ट करने के लिए अक्सर जूनियर छात्र छात्राओं की रैगिंग करते हैं। दरअसल वो जूनियर्स पर अपना प्रभाव जमाना चाहते हैं। लेकिन उन्हें नहीं पता होता है कि अपने से छोटी उम्र के लोगों को यदि अपना बनाना है तो उसके लिए उनका दिल जीता जाना चाहिए। सीनियर छात्रों को चाहिए कि वे अपने से जूनियर्स के बीच अच्छे व्यवहार व विनम्रता के ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करें जिससे वे स्वयं ही सीनियर्स का सम्मान करने लगें।

इस अवसर पर विधि संस्थान के डीन डॉ नीलेश शर्मा ने कहा कि रैगिंग कानूनन अपराध है। रैगिंग की बजाय प्रेम और अपनत्व के भाव को अपनाएं। एच ओ डी डॉ नाईश ज़मीर ने कहा कि रैगिंग के शिकार बच्चों को चुप रहकर उसे सहने की बजाय अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए तथा इसकी शिकायत एंटी रैगिंग सेल में करना चाहिए।

वहीं कार्यक्रम का संयोजन कर रहे कार्यक्रम अधिकारी गब्बर सिंह ने कहा कि आज का दौर विद्यार्थियों को नया सोचने व नये विचारों को साकार करने के अनेक अवसर प्रदान करता है। विद्यार्थियों को रैगिंग जैसी नकारात्मक गतिविधियों में लिप्त होकर समय बर्बाद करने की बजाय निरंतर कुछ नया करते रहने के लिए स्वयं को प्रेरित करते रहना चाहिए तो निश्चित ही उनका भविष्य उज्जवल होगा और वो अपने तथा अपने माता-पिता के सपनों को साकार कर सकेंगे। संजना चतुर्वेदी ने कार्यक्रम के उद्देश्य से सभी को परिचित कराया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में एक सकारात्मक व भाईचारापूर्ण माहौल का निर्माण करना हमारा मुख्य उद्देश्य है। हर विद्यार्थी यहां अपने आपको सहज महसूस करते हुए अपने विकास के नये अपने देख सके व उन्हें साकार कर सके यही हमारा ध्येय भी है।

कार्यक्रम के अंत नाट्य प्रतियोगिता तथा पोस्टर निर्माण में विजेता टीमों को ट्राफी तथा प्रमाणपत्र प्रदान करके पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका डॉ कंचन माथनकर, डॉ अमलेश सिंह, डॉ चैतन्य आठले व डॉ प्रतिमा गौतम ने किया। कार्यक्रम में मुख्य भूमिका सहायक प्राध्यापक संजना चतुर्वेदी, सुश्री माधवी पाटकर, देव्यांश भार्गव तथा स्वयंसेवक मधु चौहान, राखी कुलस्ते, आदित्य सोनकर, इत्यादि की रही।

Created On :   15 Sept 2025 1:43 PM IST

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