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Jabalpur News: बीएससी, बीकॉम और बीए पास को भी इंटरव्यू के माध्यम से अब अन्य विषयों में मिलेगा प्रवेश

- उच्च शिक्षा विभाग ने किया नियमों में फेरबदल, निर्देश जारी, छात्रों को मिलेगी राहत
- उल्लेखनीय है कि पहले ई-पोर्टल पर छात्रों के आवेदन स्वीकृत नहीं हो रहे थे
- स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए पात्र विद्यार्थियों को स्नातक स्तर के प्राप्तांकों के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा।
Jabalpur News: उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश को लेकर नियमों में बड़ा फेरबदल किया है। इसके तहत ऐसे विद्यार्थी जो स्नातक स्तर पर चयनित मुख्य अथवा गौण विषय से इतर किसी अन्य विषय में स्नातकोत्तर करना चाहते हैं, तो उनकी पात्रता का निर्धारण राज्य के विश्वविद्यालयों द्वारा अब साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए पात्र विद्यार्थियों को स्नातक स्तर के प्राप्तांकों के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा।
उच्च शिक्षा की पहल पर हुए इस निर्णय से छात्रों काे बड़ी राहत मिलेगी, साथ ही यह निर्णय भी लिया गया कि आगामी सत्र से बीएससी एग्रीकल्चर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली पीएटी परीक्षा, सीयूईटी-यूजी अथवा विवि द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश दिया जा सकेगा।
नई कार्ययोजना के तहत अब इस तरह प्रवेश ले सकेंगे छात्र-छात्राएं
ई-प्रवेश पोर्टल पर मेजर एवं माइनर विषय के अतिरिक्त अन्य विषय में स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश के लिए इच्छुक विद्यार्थी पोर्टल पर 30 जून 2025 तक आवेदन करेंगे। 1 जुलाई को प्रत्येक विश्वविद्यालय द्वारा सभी विषयों के लिये विषयवार साक्षात्कार की सूची जारी की जाएगी। 2 एवं 3 जुलाई को विश्वविद्यालय का निर्धारण, संचालनालय विद्यार्थियों को साक्षात्कार की सूचना दी जाएगी।
4 जुलाई को विश्वविद्यालय पात्रता के निर्धारण के लिए विश्वविद्यालय द्वारा विषयवार साक्षात्कार का आयोजन किया जाएगा। 10 एवं 11 जुलाई को विश्वविद्यालय पात्रता प्रमाण पत्र जारी करेंगे। इन्हीं तारीखों में विश्वविद्यालय परीक्षा परिणाम ई प्रवेश पोर्टल पर अपलोड करेंगे। 11 जुलाई को संचालनालय ई प्रवेश पोर्टल के माध्यम से सीटों का आवंटन करेगा और 12 जुलाई को कॉलेजों में एडमिशन होंगे।
पहले ऐसा था नियम, जिससे परेशान थे हजारों विद्यार्थी
उल्लेखनीय है कि पहले ई-पोर्टल पर छात्रों के आवेदन स्वीकृत नहीं हो रहे थे और उसमें च्वाॅइस फिलिंग का ऑब्शन नहीं मिल रहा था। इस समस्या से हजारों छात्र-छात्राएं परेशान थे। छात्रों की इस समस्या को देखते हुए भास्कर ने खबरों का प्रकाशन किया, जिसे संज्ञान में लेकर शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने वरिष्ठ अधिकारियों से विचार-विमर्श किया और प्रवेश के लिए नई कार्ययोजना जारी की। इससे छात्र-छात्राओं ने बड़ी राहत महसूस की है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग का निर्णय छात्रों के हित में स्वागत योग्य है। छात्र हित को देखते हुए इसका पालन कराया जाएगा।
प्रो. राजेश कुमार वर्मा, कुलगुरु रादुविवि
Created On :   28 Jun 2025 2:27 PM IST