मिली राहत: बॉम्बे हाईकोर्ट से यस बैंक-डीएचएफएल मामले में अविनाश भोसले को मिली जमानत

बॉम्बे हाईकोर्ट से यस बैंक-डीएचएफएल मामले में अविनाश भोसले को मिली जमानत
  • भोसले पर यस बैंक से मिले फंड का दुरुपयोग का आरोप
  • सीबीआई ने 26 मई 2022 को किया था गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट से एबीआईएल ग्रुप के चेयरमैन और पुणे के बिल्डर अविनाश भोसले को जमानत मिल गई। सीबीआई ने 26 मई 2022 में उन्हें यस बैंक-डीएचएफएल मामले में गिरफ्तार किया गया था।उन्होंने 2022 में ही याचिका दायर कर अपनी सीबीआई रिमांड को अवैध घोषित करने के आदेश का अनुरोध किया था। वह याचिका भी लंबित है।

न्यायमूर्ति एन.जे.जमादार की अवकाशकालीन एकलपीठ ने शुक्रवार को अविनाश भोसले की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया। वरिष्ठ वकील आबाद पोंडा ने दलील दी कि याचिकाकर्ता पर आरोप गलत हैं और उसके सभी से वैध व्यापारिक लेनदेन थे। भोसले फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं, लेकिन सेंटर जार्ज अस्पताल में भर्ती हैं। सीबीआई के वकील अवधूत चिमलकर ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया। पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अविनाश भोसले को 1 लाख रुपए की जमानत राशि पर जमानत दे दिया।

सीबीआई ने दावा किया था कि भोसले ने कारोबार के लिए यस बैंक से पैसे लिए थे, लेकिन इसे किसी और काम में लगा दिया। भोसले की भूमिका तब उजागर हुई, जब राणा कपूर द्वारा वधावन बंधुओं के साथ मिलकर कथित तौर पर किए गए घोटाले के मामले की जांच चल रही थी। इस जांच के दौरान यह पता चला कि सैकड़ों करोड़ रुपए का सार्वजनिक धन कथित तौर पर सभी आरोपियों द्वारा निजी लाभ के लिए गबन किया है। कथित तौर पर भोसले ने वधावन के साथ हाथ मिलाकर एक होटल खरीदा था। हिरासत के दौरान वह किसी न किसी अस्पताल में भर्ती रहा। सीबीआई ने अप्रैल 2022 में यस बैंक-डीएचएफएल मामले में संदिग्धों के आवासों और कार्यालयों समेत मुंबई और पुणे में 8 स्थानों पर तलाशी ली थी।

भोसले को सीबीआई ने 26 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ डीएचएफएल घोटाले में मामला दर्ज किया गया था. साल 2018 में हजारों करोड़ रुपए एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर किए गए. इसमें बड़े-बड़े उद्योगपतियों की कंपनियां शामिल थीं. इसमें अविनाश भोसले, संजय छाबड़िया, बलवा और गोयनका शामिल थे.

यस बैंक के तत्कालीन चेयरमैन राणा कपूर ने डेट सिक्योरिटीज के जरिए डीएचएफएल में 3700 करोड़ रुपए का निवेश किया था. इसमें खुलासा हुआ कि राणा को 600 करोड़ की दलाली मिली थी. डीएचएफएल ने फिर छाबड़िया के रेडियस ग्रुप, भोसले की इंफ्रा लिमिटेड और बलवा और गोयनका की कंपनियों को पैसा दिया.

Created On :   17 May 2024 1:57 PM GMT

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