राहत: बच्चों के लिए अलग से एलर्जी उपचार केंद्र

बच्चों के लिए अलग से एलर्जी उपचार केंद्र
बच्चों में बढ़ रहीं एलर्जी से संबंधित बीमारियां

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मौसम के बदलाव और वातावरण की विषमता के चलते कई तरह की एलर्जिक बीमारियां फैलने लगी हैं। इससे सभी आयु वर्ग के लोग प्रभावित हो रहे हैं। पहले बच्चों में 5 फीसदी एलर्जिक बीमारियों का प्रमाण होता था। अब यह 30 से 35 फीसदी तक पहुंच गया है। बच्चों को एलर्जी बहुत जल्द प्रभावित करती है। उसका तुरंत उपचार नहीं किया गया, तो दमा व अस्थमा जैसी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। उनके फेफड़ों पर भी असर होता है। इस बात का संज्ञान लेते हुए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) के बाल रोग विभाग ने अलग से एलर्जी जांच व उपचार केंद्र शुरू किया है। राज्य में पहली बार यह पहल की गई है।

इन कारणों से बढ़ी एलर्जी : बाल रोग विभाग प्रमुख ने बताया कि शहर में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी धूल-मिट्टी व प्रदूषण का प्रमाण बढ़ा है। इस कारण नाक में परेशानी होती है। अलग-अलग तरह की एलर्जी का अलग-अलग प्रभाव होता है। इसमें बुखार आना, हमेश सर्दी होना, खांसी आना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्य की धूल, कच्चे रास्तों की धूल-मिट्टी, अन्य कारणों से होने वाले प्रदूषण आदि के चलते एलर्जी होती है। प्राणियों के बाल, उनके मल-मूत्र, घरों से निकलने वाला धुआं, त्वचा पर जमने वाली धूल, अंडे, दूध, मच्छर, मक्खियों व मधुमक्खियों के काटने से, आसपास में कचरा व गंदगी के बीच पनपने वाले छोटे-बड़े जंतुओं के काटने से एलर्जी होती है। इसमें एटॉपिक त्वचा रोग, एलर्जिक नासिका रोग, दमा, अस्थमा आदि रोग होते हैं। ऐसे कारणों से इन दिनों बच्चों में एलर्जी का प्रमाण बढ़ा है।

इन बीमारियों की होगा उपचार : बच्चों में एलर्जी का बढ़ता प्रमाण देखते हुए उनके लिए अलग से जांच व उपचार केंद्र जरूरी था। ओपीडी में आने वाले सामान्य मरीजों की भीड़ के साथ उनकी जांच व उपचार करने में समय लगता था। इसलिए बच्चों की तुरंत जांच व उपचार करने के लिए मेडिकल में अलग से व्यवस्था की गई है। अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये के मार्गदर्शन में व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शरद कुचेवार व विभाग प्रमुख डॉ. मनीष तिवारी के नेतृत्व में यह केंद्र शुरू किया गया है। बाल रोग विभाग की सहयोगी प्राध्यापक डॉ. अभिषेक मधुरा ने बताया कि केंद्र में एलर्जी, अस्थमा एलर्जी, एटॉपिक डर्माटाइटिस एंड फुल एलर्जी आदि की जांच सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

Created On :   26 Sept 2023 11:57 AM IST

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