संज्ञान: आचार संहिता के कारण वैद्यकीय उपकरणों की खरीदी न रोकी जाए, हाईकोर्ट के आदेश

आचार संहिता के कारण वैद्यकीय उपकरणों की खरीदी न रोकी जाए, हाईकोर्ट के आदेश
  • नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका प्रलंबित
  • मेयो और मेडिकल अस्पतालों की खराब है हालत
  • 23 अप्रैल तक उपकरण खरीदी की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेडिकल में भर्ती मरीजों पर हर दिन इलाज किया जाता है, ऐसे में वैद्यकीय उपकरण और दवाइओं की आवश्यकता उत्पन्न होती है। यह बात ध्यान में लेते हुए बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि आचार संहिता के कारण आवश्यक वैद्यकीय उपकरणों की निविदा न रोकें, 23 अप्रैल तक उपकरण खरीदी की प्रक्रिया पूरी करें।

आचार संहिता लागू है : शहर के मेयो और मेडिकल अस्पतालों की खराब हालत और वहां की असुविधाओं को लेकर बाॅम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका प्रलंबित है। इस मामले में कोर्ट ने अस्पताल के लिए आवश्यक वैद्यकीय उपकरण की सूची अद्यावत करने अौर खरीदने के आदेश दिए हैं। मामले पर बुधवार को न्या. अविनाश घरोटे और न्या. एम. एस. जवलकर के समक्ष हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू है, इसलिए वैद्यकीय उपकरणों की निविदा निकालने और उपकरण खरीदी करना संभव नहीं। इस पर कोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए। न्यायालय मित्र के तौर पर एड. अनूप गिल्डा, राज्य सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील फिरदौस मिर्झा, एड. दीपक ठाकरे और मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने पैरवी की।

कार्डियक लैब और एमआरअाई मशीन जल्द : मेडिकल एवं सुपर स्पेशलिटी के डिजिटल कार्डियक लैब और 3टी एमआरआई मशीन उपलब्ध कराने के लिए कोर्ट ने आदेश दिए थे। इसके चलते बुधवार को राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि कार्डियक लैब का वर्क ऑर्डर जारी किया गया है, साथ ही एमआरआई मशीन खरीदी करने का रास्ता साफ हो गया है, इसलिए 23 अप्रैल तक कार्डियक लैब और 3टी एमआरआई मशीन मरीजों के लिए उपलब्ध हो जाएगी।

दुकानें स्थापित की जा सकती हैं क्या : मेडिकल के क्षेत्र में मरीजों एवं उनके परिजनों के लिए दवा और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कुछ दुकानें स्थापित की जा सकती हैं क्या? यह सवाल करते हुए कोर्ट ने जवाब मांगा है। इसके अलावा कोर्ट ने एनएमआरडी को 23 अप्रैल तक टीबी वार्ड परिसर में बनने वाले कैंसर अस्पताल के निर्माण कार्य की प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया था कि मेडा एक माह के अंदर मेडिकल में स्ट्रीट लाइटों को सौर ऊर्जा से चलाने की व्यवस्था करे। हालांकि यह काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि मेडा इस संबंध में कोर्ट के समक्ष जानकारी प्रस्तुत करे।

Created On :   18 April 2024 9:10 AM GMT

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