Nagpur News: 4 वर्ष में उपराजधानी की 387 महिलाएं लापता, मिसिंग स्क्वॉड के पास सुराग तक नहीं

4 वर्ष में उपराजधानी की 387 महिलाएं लापता, मिसिंग स्क्वॉड के पास सुराग तक नहीं
  • आरटीआई से मिली जानकारी हैरान करने वाली
  • कम उम्र के लापता हुए लड़के और लड़कियों की संख्या अधिक
  • महिला सुरक्षा पर सवाल

Nagpur News. संतरानगरी में पिछले चार वर्ष के दौरान महिलाओं के लापता होने के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। हैरानी यह कि वर्ष 2022 से सितंबर 2025 के दरमियान शहर की 387 लापता हुई महिलाओं का अभी तक कोई पता नहीं। परिजन थानों के चक्कर लगा रहे हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सामाजिक अलगाव, अकेलापन और साइबर ठगी जैसे कारण भी इन घटनाओं का कारण हो सकते हैं। पुलिस प्रशासन कोशिश जारी रहने का हवाला दे रहा है। लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या स्थिति की सूचना तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दें।

गत 4 साल के यह हैं आंकड़े

उक्त चार वर्षों में महिला उत्पीड़न के 5460 मामले विविध थानों में दर्ज हुए। 282 को तड़ीपार किया गया। शहर में दंगे भड़काकर अशांति फैलाने वाले 1279 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज कर गिरफ्तारी की गई। शहर में 4 वर्ष में 91 बुजुर्गों ने पानी में डूबकर आत्महत्या की, किसी ने तालाब तो किसी ने नदी में कूदकर जान दी। 17 वरिष्ठ नागरिकों की मौत भी इसी तरह हुई। अहम बात यह कि इन चार सालों में शहर में ऐसा कोई मामला दर्ज नहीं हुआ जो राज्य की खुफिया जानकारी किसी पड़ोसी मुल्क को मुहैया कराई हो।

खोजबीन जारी है

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीते 4 वर्ष में शहर से 6941 महिलाएं लापता हुई, जिसमें से 6554 महिलाओं का पता चल चुका है, लेकिन अभी भी 387 महिलाओं का कुछ पता नहीं चल सका है। शहर पुलिस विभाग की ओर से आरटीआई कार्यकर्ता अभय कोलारकर द्वारा सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में इसका खुलासा हुआ है। कोलारकर को यह जानकारी वर्ष 2022 से लेकर सितंबर 2025 के दरमियान की मिली है।

परिजनों की आस बरकरार

शहर के प्रत्येक थाने में मिसिंग स्क्वॉड है। इस स्क्वॉड को और मजबूत बनाने की जरुरत नागरिकों द्वारा की जा रही है। शहर में बढ़ते साइबर अपराध की तरह महिलाओं, युवतियों, लड़कियों, युवकों व लड़कों के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। गुमशुदगी के हर मामले की अलग-अलग फाइलें बनाई जाती हैं। तकनीकी जांच, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर कई महत्वपूर्ण सुराग तलाश कर गुमशुदा लोगों को तलाशा जाता है। शहर से लापता हुए कुछ लोगों का पता लगाया जा चुका है और बाकी की खोजबीन जारी की बात पुलिस अक्सर कहते रहती है, लेकिन परिजन दिन-रात उनकी वापसी की आस में हैं।

कम उम्र के लोगों की संख्या अधिक

बहकावे में आकर दूसरों के साथ गए या अचानक घर से गायब होने वालों से संबंधित चार वर्ष में धारा 363 के तहत 1860 मामले दर्ज हैं, जिसमें कम उम्र के लापता हुए लड़के और लड़कियों की संख्या 1963 है। इनमें 582 लड़के और 1381 लड़कियां शामिल हैं। लापता 1963 लड़के-लड़कियों में से 1940 मिल गए, लेकिन 23 अभी भी लापता की सूची में शामिल हैं। इन 23 लड़के-लड़कियों के परिजनों को यही उम्मीद है कि एक न एक दिन उनके घर से गायब बेटे, बेटी के बारे में उन्हें कोई अच्छी खबर मिलेगी।

Created On :   3 Nov 2025 5:58 PM IST

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