Nagpur News: महाराष्ट्र में बिजली और महंगी , संकट में आया स्टील और प्लास्टिक उद्योग

महाराष्ट्र में बिजली और महंगी , संकट में आया स्टील और प्लास्टिक उद्योग
पड़ोसी राज्यों से 20 से 30 प्रतिशत महंगी है महाराष्ट्र में बिजली

Nagpur News देश का प्रमुख औद्योगिक राज्य होने के बावजूद महाराष्ट्र हाल के वर्षों में बिजली दरों में लगातार वृद्धि का सामना कर रहा है। विशेष रूप से 2024-25 में महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (एमईआरसी) द्वारा लागू की गई नई टैरिफ दरों ने उद्योगों पर अतिरिक्त बोझ डाला है। यह वृद्धि 10-20% तक है, जो स्टील और प्लास्टिक जैसे ऊर्जा-गहन उद्योगों के लिए बड़ा संकट पैदा कर रही है। परिणामस्वरूप, औद्योगिक बिजली की औसत लागत 10 से 11 रुपए प्रति यूनिट से ऊपर पहुंच गई है, जो पड़ोसी राज्यों (जैसे गुजरात) से 20-30% महंगी है।

50% से अधिक इकाइयां प्रभावित : ये दोनों उद्योग बिजली पर अत्यधिक निर्भर हैं। स्टील उत्पादन में आर्क फर्नेस और रोलिंग मिल्स के लिए, जबकि प्लास्टिक में एक्सट्रूजन, इंजेक्शन मोल्डिंग और पॉलिमराइजेशन प्रक्रियाओं के लिए बिजली की खपत होती है। महाराष्ट्र में 50% से अधिक उत्पादन इकाइयां प्रभावित हो रही हैं।

उत्पादन लागत बढ़ी : बिजली वृद्धि से उत्पादन लागत बढ़ने से छोटे-मध्यम उद्योग (एमएसएमई) प्रभावित हो रहे हैं। बूटीबाेरी मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के सचिव रुचिर कुमार गुप्ता के अनुसार, कई इकाइयां सस्ती बिजली वाले राज्यों में शिफ्ट हो रही हैं, जिससे 10,000+ नौकरियां खतरे में हैं।

बेरोजगारी की तलवार : प्लास्टिक मैन्यूफैक्चरर्स इंडस्ट्रीज के नीलेश अग्रवाल के अनुसार प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट्स में बिजली 40-50% लागत का हिस्सा है। वृद्धि से उत्पाद (पाइप्स, पैकेजिंग) महंगे होंगे, जिससे बाजार हिस्सेदारी घटेगी। क्षेत्र में 400 से ज्यादा छोटे बड़े प्लास्टिक रीप्रोसेसिंग यूनिट है। री-प्रोसेसिंग यूनिट में बिजली की खपत ज्यादा होती है। महंगी बिजली के कारण उद्योगों पर संकट के बादल छाए है। हजारों लोगों पर बेरोजगारी की तलवार लटक रही है।

Created On :   9 Oct 2025 11:29 AM IST

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