चिंता: मानवीय भूल के चलते बढ़ रहे हादसे, हर घंटे 25 लोगों की हो रही है मौत

मानवीय भूल के चलते बढ़ रहे हादसे, हर घंटे 25 लोगों की हो रही है मौत
  • रवि भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बोले पूर्व न्या. सप्रे
  • गत वर्ष हुई थी डेढ़ लाख से ज्यादा की मौत
  • सतर्कता से बचाई जा सकती है जान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश भर में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती ही जा रही हंै। सड़क दुर्घटनाओं में जानमाल की हानि मानवीय भूल का कारण है। देश में सड़क दुर्घटना में हर घंटे 25 लोगों की मौत होती हैै। बहुत कम दुर्घटनाएं वाहन की अचानक तकनीकी खराबी या अन्य कारणों से होती हैं। सतर्कता से सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों की जान बचाई जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्या. अभय सप्रे ने सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों की जान बचाने के लिए परिवहन, पुलिस, लोक निर्माण और संबंधित विभाग को संयुक्त रूप से व्यापक जन जागरूकता करने के निर्देश दिए। पूर्व न्या. सप्रे की अध्यक्षता में रवि भवन में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति की समीक्षा बैठक हुई। परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार, पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंगल, जिलाधीश डाॅ. विपिन इटनकर, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौम्या शर्मा, जिला पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) हर्ष पोद्दार सहित राजमार्ग पुलिस, सार्वजनिक निर्माण, परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जन जागरूकता अहम कारण : उन्होंने कहा कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हर घंटे लगभग 25 लोगों की मौत हो जाती है। हर साल औसतन पांच लाख छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। गत वर्ष डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की सड़क दुर्घटनाआें में मृत्यु हुई थी। ये मौतें सीट बेल्ट न पहनने, मोटर यातायात नियमों का पालन न करने, वाहनों की मरम्मत न करना, शराब पीकर गाड़ी चलाने, हेलमेट नहीं पहनने, पर्याप्त नींद के बिना गाड़ी चलाने के कारण होती हैं। प्रशासनिक व्यवस्था के साथ-साथ लोगों की भागीदारी भी जरूरी है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में जन जागरूकता अहम कारण है। ऐसा देखा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में दुर्घटना दर काफी है और हेलमेट के उपयोग के प्रति अभी भी लोगों में जागरूकता नहीं है। इसके लिए जन-जागरूकता पैदा की जाए, जिला स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित कर समीक्षा की जाए, सड़क दुर्घटनाओं के कारणों का आकलन कर तदनुसार उपाय किए जाएं।

दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या कम हुई :नागपुर जिले में दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या कम हुई है। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर गौर करते हुए कहा गया कि 2021 में यह प्रतिशत घटकर 38 प्रतिशत, 2022 में 28 प्रतिशत और 2023 में 18 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि वाहन चालकों को भी यातायात नियमों का पालन करते हुए दुर्घटना मुक्त नागपुर जिले की संकल्पना को पूरा करना होगा। इसमें व्यापक जनभागीदारी की आवश्यकता है।

Created On :   23 Feb 2024 8:20 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story