संज्ञान: अंबाझरी बांध की सुरक्षा का मामला, नाग नदी के अतिक्रमण का निपटारा जल्द करें

अंबाझरी बांध की सुरक्षा का मामला, नाग नदी के अतिक्रमण का निपटारा जल्द करें
  • हाई कोर्ट ने उच्च स्तरीय समिति को दिए आदेश
  • नदी का गहराईकरण, चौड़ीकरण करने के भी निर्देश
  • नदी किनारे के हटाए जाएंगे अतिक्रमण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अंबाझरी बांध की सुरक्षा के मामले में दायर जनहित याचिका को लेकर हुई सुनवाई में बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने नाग नदी का प्रवाह सुचारू करने के लिए नदी किनारे के अतिक्रमण का निपटारा करने के उच्च स्तरीय समिति को आदेश दिए। साथ ही मानसून से पहले नदी का गहराईकरण और चौड़ीकरण करने के भी कोर्ट ने समिति को निर्देश दिए।

अवैध निर्माणों पर सवाल : नागपुर खंडपीठ में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि मनपा, नासुप्र और महामेट्रो इन तीनों प्रशासनों ने अंबाझरी व नाग नदी परिसर में गलत निर्माण किया है। इस कारण गत सितंबर महीने में इस परिसर में बाढ़ आई और हजारों लोगो को नुकसान सहना पड़ा। मामले की न्यायालयीन जांच की मांग करते हुए नुकसानग्रस्त रामगोपाल बचुका, जयश्री बनसोड, नत्थुजी टिक्कस ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका में अंबाझरी ताअंबाझरी बांध की सुरक्षा के मामलेलाब और नाग नदी परिसर के अवैध निर्माणों पर सवाल उठाया गया है। इसके अलावा नुकसानग्रस्त प्रति नागरिकों को 5 लाख और दुकानदारो को 10 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की गई है।

पिछली सुनवाई में कहा था : पिछली सुनवाई में राज्य के महाधिवक्ता डॉ. बिरेंद्र सराफ ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि अंबाझरी बांध की सुरक्षा, नाग नदी का प्रवाह सुचारू करने और नदी के किनारे के अतिक्रमण का निपटारा करने के लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। कोर्ट ने इस समिति को अंबाझरी तालाब और नाग नदी किनारे के अतिक्रण के बारे में जानकारी पेश करने के आदेश दिए थे।

शपथ-पत्र में कोर्ट को दी जानकारी : मामले में बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। तब विभागीय आयुक्त ने शपथ-पत्र दायर करते हुए कोर्ट को बताया कि, 10 जनवरी को समिति की बैठक हुई थी। अब 24 जनवरी को समिति की बैठक निश्चित की गई है। इस बैठक में मनपा नाग नदी पर अतिक्रमण ढूंढने और हटाने के बारे में विस्तार से जानकारी देगी। इस पर कोर्ट ने नाग नदी के अतिक्रमण का निपटारा करने के आदेश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से एड. तुषार मंडलेकर, राज्य सरकार की ओर से एड. एन. पी. मेहता, मनपा की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ एस. के. मिश्रा और एड. जेमिनी कासट ने पैरवी की।

विवेकानन्द स्मारक हटाने की सिफारिश : याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि विवेकानंद स्मारक और क्रेजी कैसल की वजह से अंबाझरी के पानी का प्रवाह बाधित हो रहा है। विभागीय आयुक्त की ओर से दायर किए शपथ-पत्र के अनुसार, सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता को विवेकानंद स्मारक और क्रेजी कैसल के संबंध में रिपोर्ट देने को कहा गया है। हालांकि, सिंचाई विभाग ने स्पष्ट किया कि उसने अपनी रिपोर्ट 2018 में ही सौंप दी थी। इस रिपोर्ट के अनुसार, मनपा को सिफारिश की गईं कि पानी के रास्ते को खोलने के लिए सड़क के किनारे से विवेकानन्द स्मारक को हटा दिया जाना चाहिए, जल निकासी की क्षमता बढ़ाने के उपाय किए जाने चाहिए और नदी का गहराईकरण, चौड़ीकरण करने का काम किया जाना चाहिए।

अंबाझरी तालाब को लगेगा दरवाजा : समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार पानी निकालने में आसानी हो, इसलिए अंबाझरी तालाब को बांध जैसा दरवाजा लगाने का अनुरोध मनपा के सिंचाई विभाग से किया है। सिंचाई विभाग ने भी इस कार्य का आश्वासन दिया है, यह जानकारी विभागीय आयुक्त ने शपथ-पत्र द्वारा दी।

Created On :   18 Jan 2024 6:13 AM GMT

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