अनदेखी: कोर्ट की सख्ती के बावजूद मनपा की अनदेखी, नागपुर शहर में नायलॉन मांजा धड़ल्ले से बिक रहा

कोर्ट की सख्ती के बावजूद मनपा की अनदेखी, नागपुर शहर में नायलॉन मांजा धड़ल्ले से बिक रहा
  • मकर संक्रांति पर खूब चला वो काट
  • मूक पक्षियों, प्राणियों व नागरिकों को नायलॉन मांजे की परेशानी झेलनी पड़ी
  • अदालत सख्त, मनपा के अधिकारी को 2 साल में कहीं नहीं मिला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नायलॉन मांजा को लेकर हाई कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद भी प्रशासन ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है। ऐसे में मकर संक्रांति पर शहर भर में नायलॉन मांजे से भरपूर पतंगबाजी होती नजर आई है। शहर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मनपा और पुलिस विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया गया था, लेकिन पुलिस के अलावा शहर में अन्य दोनों विभागों से कोई भी ठोस पहल होती नजर नहीं आई है। हालांकि मनपा प्रशासन का दावा है कि उपद्रव शोध पथक के माध्यम से लगातार औचक जांच कर प्लास्टिक पतंगों को जब्त किया गया है, लेकिन नायलॉन मांजा हाथ में नहीं आ पाया है। वहीं दूसरी ओर एमपीसीबी के अधिकारियों का तर्क है कि हाई कोर्ट के निर्देश के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस को पत्र देकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। सरकारी विभागों की अनदेखी से शहर में इस मर्तबा भी मूक पक्षियों, प्राणियों और नागरिकों को नायलॉन मांजा की परेशानी झेलनी पड़ी है।

कोर्ट की कड़ाई पर एमपीसीबी सुस्त : हाईकोर्ट की ओर से लगातार नायलॉन मांजे को लेकर कड़ा रूख अख्तियार किया गया है। कोर्ट ने तीनों विभागों को समन्वय कर ठोस पहले करने का निर्देश भी दिया था, लेकिन एमपीसीबी ने ठोस पहल के नाम पर केवल स्थानीय प्रशासन और पुलिस को केवल पत्र-व्यवहार तक सीमित रखा है। अधिकारियों ने मनपा और पुलिस विभाग को कई मर्तबा पत्र भेजने का दावा किया है।

83 एफआईआर, 102 आरोपी : पिछले साल पुलिस को शहर भर में नायलॉन मांजा की धर-पकड़ में 143 मामले मिले थे। इन मामलों में 62 लाख की सामग्री के साथ 188 आरोपियों पर कार्रवाई हुई थी। इस साल 83 मामलों में 102 आरोपियों पर मामले दर्ज कर 13 लाख रुपए की सामग्री जब्त की गई है। इसके साथ ही आनलाइन मांजा बिक्री पर भी नजर रखी गई। पुलिस का तर्क है कि पिछले साल की पुरानी सामग्री को चोरी छिपे बिक्री करने पर भी निगरानी रखी गई है। गुजरात और उत्तर प्रदेश से पहले से ही आवक होने की शंका को पुलिस ने खारिज नहीं किया है।

कार्रवाई और जब्ती : पिछले साल 7 जनवरी 10 जनवरी तक 390 दुकानों की जांच हुई थी, लेकिन एक भी स्थान पर नायलॉन मांजा नहीं मिला था। इस साल 222 दुकानों की जांच में भी नायलॉन मांजा नहीं मिला है, हालांकि 5 प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई में 1428 प्लास्टिक पतंग जब्त कर 25 हजार रुपए का दंड वसूला गया है।

साल 2022 में 1499 दुकानों की जांच हुई थी, इसमें 30 मामलों में 84,844 प्लास्टिक पतंग और 1 लाख 7 हजार रुपए के 55 चक्री समेत मांजा जब्त किया था। साल 2021 में 121 मामलों में 8571 प्लास्टिक पंतग, 1 लाख 30 हजार रुपए मूल्य का 287 चक्री नायलॉन मांजा जब्त कर 2355 दुकानों की जांच की गई थी।

मनपा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हाथ खाली

एनडीएस के माध्यम से लगातार जांच : शहर भर में उपद्रव शोध पथक की ओर से पिछले 1 माह से लगातार जांच की जा रही है। इस जांच में 5 मामले में 1428 प्लास्टिक पतंगों को जब्त कर 25 हजार रुपए दंड वसूला गया है। इसके अलावा करीब 222 दुकानों की जांच भी की गई, लेकिन एक भी मामले में नायलॉन मांजा नहीं मिला है। -डॉ. गजेन्द्र महल्ले, उपायुक्त, घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष, मनपा

4 जिलों में सभी को पत्र भेजा : 4 जिलों की मनपा, नगर परिषद, नगर पंचायत और पुलिस विभाग को नायलॉन मांजा को लेकर कार्रवाई करने का पत्र दिया है। इन विभागों से कार्रवाई का अब तक ब्योरा नहीं मिला है। -हेमा देशपांडे, उपप्रादेशिक अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

लगातार कार्रवाई हुई : इस मर्तबा ऑनलाइन नायलॉन मांजा बिक्री पर कड़ी निगरानी रखी गई, इसके साथ ही पतंगबाजों पर भी ड्रोन से नजर रखी गई। शहर में लगातार औचक धर-पकड़ कर 102 आरोपियों पर मामला दर्ज कर 13 लाख रुपए की सामग्री जब्त की गई है। -अर्चित चांडक, पुलिस उपायुक्त, साइबर अपराध

Created On :   18 Jan 2024 6:03 AM GMT

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