- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- एसआईआर से ही हल होगा दुबार मतदाता...
Nagpur News: एसआईआर से ही हल होगा दुबार मतदाता का मामला

Nagpur News राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने महाराष्ट्र में सभी तरफ मतदाता सूची में दुबार मतदाता होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी तरफ मतदाताओं के दो-दो बार नाम हैं। यह प्रश्न तब तक हल नहीं होगा, जब तक एसआईआर अर्थात मतदाता सूची का विशेष गहन पुनर्निरीक्षण नहीं होता। मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों के बीच राजस्व मंत्री का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यह भी पढ़े -एग्जॉटिक स्पा और सैलून की आड़ में चल रहा था जिस्मफरोशी का धंधा, दो महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज
रोज नाम जुड़ते हैं : बावनकुले ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नागपुर सहित संपूर्ण महाराष्ट्र में दुबार मतदाता हैं। यह नाम रोजाना जुड़ते हैं। डिलिशन प्रक्रिया काफी कमजोर होने से अथवा कम नहीं किए जाने से यह एडिशन होते जाते हैं। व्यक्ति जहां रहने जाता, वहां अपना नाम जोड़ता है, इसलिए जब तक एसआईआर नहीं होता, तब तक दुबार नाम नहीं निकलेंगे। लेकिन दुबार नाम होने पर भी संबंधित व्यक्ति को एक बार ही मतदान कर सकता है। हम मतदान के लिए जाते हैं, तो चुनाव अधिकारी अंगुली पर स्याही लगाता है, जिस कारण एक ही मतदान होता है। इस प्रकरण में एक ही मतदान हो, ऐसा मुझे लगता है।
विश्वास में लेकर चर्चा होगी : बावनकुले ने शिंदे गट व भाजपा के पदाधिकारी एक-दूसरे के पार्टी में जाने के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि कुछ जगह ऐसे मामले हैं। भाजपा का कोई कार्यकर्ता शिवसेना में जाता है, तो शिवसेना का कोई पदाधिकारी भाजपा में आ रहा है। विदर्भ में भी 20-25 स्थानों पर ऐसे उदाहरण हैं। टिकट नहीं मिलने पर लोग दूसरा पर्याय ढूंढ़ते रहते हैं, लेकिन भाजपा, शिवसेना व राष्ट्रवादी की हमारी महायुति अत्यंत मजबूत है। चुनाव के बाद इस मामले में सभी को विश्वास में लेकर चर्चा की जाएगी।
कोर्ट के निर्णय का पालन होगा : चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव को लेकर जो निर्णय देगा, उसका पालन किया जाएगा। हमारा सिर्फ इतना कहना है कि ओबीसी में अठरापगड जाति व बारा बलूतेदार वर्ग है। इन वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। यह आरक्षण राज्य सरकार व राज्य चुनाव आयोग के माध्यम से दिया गया है। यह 50 प्रतिशत से अधिक होने के कारण अब सुप्रीम कोर्ट क्या भूमिका लेता है, यह देखना होगा। सुप्रीम कोर्ट जो कुछ निर्णय देगा, उस अनुसार सरकार आगे बढ़ेगी, लेकिन ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना ही चाहिए।
Created On :   26 Nov 2025 12:38 PM IST














