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Nanded News: बोंढारकर में विधानसभा में उठाई मांग - गुरुद्वारा बोर्ड एक्ट में संशोधन रद्द करें

- गुरुद्वारा बोर्ड एक्ट में संशोधन रद्द करें
- नांदेड़ में केला टिशू कल्चर केंद्र को मंजूरी दी जाए
- विधानसभा में विधायक श्रीजया चव्हाण ने की मांग
Nanded News. विधायक आनंदराव पाटिल बोंढारकर ने 7 जुलाई मंगलवार को विधानसभा में मांग की है कि, राज्य सरकार सिख धर्म की सर्वोच्च संस्था कहे जाने वाले गुरुद्वारा तख्त सचखंड बोर्ड नांदेड़ के कानून की धारा 11 में किए गए संशोधन को तुरंत वापस ले तथा गुरुद्वारा बोर्ड का संचालन मूल प्रावधानों के अनुसार जारी रहना चाहिए। महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र अभी चल रहा है। इस मानसून सत्र में विधायक आनंदराव पाटिल बोंढारकर ने गुरुद्वारा बोर्ड अधिनियम और धाराओं में किए गए संशोधनों पर सवाल उठाए। महाराष्ट्र सरकार ने फरवरी 2015 के विधानसभा सत्र में गुरूद्वारा सचखंड बोर्ड नांदेड़ अधिनियम, 1956 की धारा 11 और धारा 6 में संशोधन कर संस्था के अध्यक्ष की नियुक्ति का अधिकार सरकार को सौंप दिया था। इससे पहले 17 सदस्यों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव का चुनाव किया जाता था। अल्पसंख्यक सिख समुदाय मांग कर रहा है कि 2015 के संशोधन को निरस्त किया जाए और कानून को बहाल किया जाए, विधायक बोंढारकर ने सदन के ध्यान में यह भी लाया कि, नए अधिनियम 2024 या भाटिया समिति की सिफारिशों को लागू करने का समुदाय में कड़ा विरोध है।

सरकार ज्ञापनों का संज्ञान नहीं ले रही
इस संबंध में सिख समुदाय पिछले एक साल से नांदेड़ समेत राज्य भर में विभिन्न आंदोलन कर रहा है। वे ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन सरकार सिख समुदाय के विरोध और ज्ञबानों का संज्ञान नहीं ले रही है, ऐसा विधायक बोंढारकर ने इस अवसर पर कहा। इस बीच, सिख समुदाय को अपने धार्मिक संस्थान चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए। गुरुद्वारा अधिनियम 1956 के तहत, मराठवाड़ा के सिख निर्वाचन क्षेत्र से तीन सदस्य चुने जाते हैं। दो सदस्य महाराष्ट्र सरकार द्वारा नामित होते हैं, दो सदस्य संसद के सांसदों में से होते हैं, चार सदस्य शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से होते हैं और एक सदस्य सिख खालसा दीवान संस्था से होता है। एक सदस्य मध्य प्रदेश के सिख समुदाय से हैं और चार सदस्य सचखंड हजूरी खालसा दीवान संस्था से हैं। यह कानून अच्छा है। इस अवसर पर सदन में विधायक बोंढारकर ने कहा। इसलिए अब गुरुद्वारा बोर्ड के कानून में संशोधन का सवाल सीधे विधानसभा में पहुंच गया है।

केला टिशू कल्चर केंद्र को मंजूरी दी जाए
विधायक श्रीजया चव्हाण ने केले के उत्पादन की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए नांदेड़ जिले में केला टिशू कल्चर केंद्र को मंजूरी देने की मांग विधानसभा में की। भोकर विधानसभा क्षेत्र की भाजपा विधायक श्रीजया चव्हाण ने पूरक मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए यह मांग की। नांदेड़ जिले में केले की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है। यदि केले के उत्पादकों को आधुनिक तकनीक प्रदान की जाए तो उनका उत्पादन और अधिक बढ़ जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी ने नांदेड़ जिले में केले के टिशू कल्चर सेंटर की स्थापना करने के लिए सरकार को प्रस्ताव सौंपा है। उन्होंने कहा कि, इसे मंजूरी देकर आवश्यक निधि उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उल्लेखनीय यह है कि, सांसद अशोकराव चव्हाण ने उक्त टिशू कल्चर सेंटर की मांग के लिए देश के गृह मंत्री अमित शाह और राज्य सरकार से संपर्क किया है।
विधायक श्रीजया चव्हाण ने आगे कहा कि, नांदेड़ के पुलिस अधीक्षक अविनाश कुमार ने माध्यमिक स्तर के छात्रों के बीच कानून के बारे में जागरूकता पैदा करने, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचारों को रोकने और छात्रों के बीच कानून के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए "मिशन निर्भया' नामक एक महान पहल शुरू की है। उन्होंने मांग की है कि, यह पहल पूरे राज्य में लागू की जाए। इसी तरह नांदेड़ शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए उन्होंने नांदेड़ के लिए 12 पुलिस स्टेशनों को मिलाकर एक पुलिस आयुक्तालय स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की मांग की। कृष्णुर और मारतला के बीच मारतला से कुंभारगांव और कापशी क्षेत्रों में औद्योगिक वसाहत स्थापित करने के लिए भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव सरकार को सौंपा गया है। नांदेड़ से महज 12 से 15 किलोमीटर दूर इस औद्योगिक वसाहत को लेकर उद्यमी अड़े हुए हैं और विधायक श्रीजया चव्हाण ने पूरक मांगों पर चर्चा के दौरान प्रस्ताव को स्वीकार करने और भूमि अधिग्रहण के लिए निधि उपलब्ध कराने की मांग की।
Created On :   8 July 2025 9:10 PM IST