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बिना सत्यापन के ही बन गए 13 लाख आधार कार्ड
डिजिटल डेस्क कटनी । दस्तावेजों के सत्यापन के बिना ही जिले में 13 लाख से अधिक आधार कार्ड जेनरेट कर दिए गए। दस्तावेज सत्यापन के लिए जिले में कोई अफसर अभी तक नियुक्त नहीं किया गया है। आधार कार्ड बनाने के लिए नियुक्त किए गए बेंडर आवेदकों से सुविधा शुल्क लेकर धड़ल्ले से कार्ड जेनरेट कर रहे है। सत्यापन न होने के कारण जिले में 90 हजार से अधिक कार्ड बायोग्राफिक और डेमोग्राफिक एरर के चलते फर्जी बन गए है।
आकड़ों पर एक नजर
जिले में दिसंबर तक 1326298 आधार कार्ड बनाएं जा चुके है। फरवरी 2017 से लेकर दिसंबर तक 68725 कार्ड जेनरेट किए गए है। यह आकड़ा यूआईएडीआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) की बेबसाइट से लिया गया है। ई-गर्वनेंस से मिली जानकारी के मुताबिक कार्ड जेनरेट करने के लिए 18 बेंडरों का रजिस्ट्रेशन है। इन्ही के द्वारा आवश्यक दस्तावेज के आधार पर कार्ड को बनाया जा रहा है। प्रायवेट बेंडर प्रति कार्ड जैनरेट करने के लिए आवेदकों से 50 से लेकर 150 रुपए वसूल रहे है। इस संदर्भ में अफसरों का कहना है कि बेंडर किसी भी तरह के पैसे की डिमांड करता है तो यह नियम विरुद्ध है।
इस तरह होता है कार्ड जेनरेट
जानकारी के मुताबिक बेंडर के पास आवेदक आवश्यक दस्तावेज के साथ उपस्थित होकर कार्ड को जेनरेट करा सकता है। दस्तावेज के सत्यापन के बाद उसे आधार नंबर के लिए दिल्ली स्थित भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण भेजा जाता है। प्राधिकरण संतुष्ट होने के बाद आवेदक को कार्ड जारी करता है। अफसरों के मुताबिक शिविर के दौरान किसी के पास यदि दस्तावेज नहीं उपलब्ध होता है तो ऐसी दशा में पंचायत या अफसर द्वारा प्रमाणित करने पर उसके कार्ड को जेनरेट कर दिया जाता है। विभागीय सूत्रों की माने तो जिले में बायोग्राफिक और डेमोग्रफिक एरर के चलते 90 हजार से अधिक कार्ड फर्जी बन गए है।
यूआईएडीआई ने सत्यापन के लिए किसी भी अफसर की नियुक्ति का निर्देश नहीं दिया है। आधार कार्ड जेनरेट करने के पहले आवेदक के सभी दस्तावेज की जांच की जाती है। जांच के बाद ही आधार कार्ड को जेनरेट किया जाता है। मार्च के बाद प्रयावेट बेंडर द्वारा आधार कार्ड जेनरेट नहीं किया जाएगा।
- सौरभ नामदेव, जिला प्रबंधक, ई-गर्वनेंस
Created On :   20 Jan 2018 1:46 PM IST