जिले में 4 हजार 213 लोग मानसिक रोग के शिकार

4 thousand 213 people suffer from mental illness in the district
जिले में 4 हजार 213 लोग मानसिक रोग के शिकार
वर्धा जिले में 4 हजार 213 लोग मानसिक रोग के शिकार

डिजिटल  डेस्क, वर्धा. आज के इस भाग-दौड़ जीवन में सभी को किसी न किसी कारण मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। इस मानसिक समस्या की ओर ध्यान न दिया जाए तो कई तरह की मनोवैज्ञानिक बीमारियों का सामना करना पड़ता है जैसे: मानसिक तनाव, निराशा, अवसाद, चिंता और उससे होनेवाली हिस्टेरिया, डिमोशिया, फोबिया, सिजोफ्रेनिया जैसी मनोवैज्ञानिक समस्या आती है। इस समस्या से पूरी दुनिया के लोग गुजरते हंै। इस समस्या से निजाद दिलाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस मनाया जाता है। इस बार भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को अलग-अलग कार्यक्रम लेकर जनजागरण किया गया। बता दें कि, विश्व मानसिक स्वास्थ दिन की शुरुआत 1992 में हुई। संयुक्त राष्ट्र संघ के उपमहासचिव रिचर्ड हंट और वर्ल्ड फेडरेशन द्वारा इस दिन को मनाने की शुरूआत की गई। इस फेडरेशन में 150 से अधिक देशों का समावेश है।  हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ दिन व सप्ताह मनाया जाता है। मानसिक स्वास्थ की भारत में स्थिति कुछ इस प्रकार है। वर्ष 2015-16 में किए गए एक सर्वेक्षण अनुसार भारत में हर 8 में से 1 व्यक्ति मानसिक बीमारी से पीड़ित पाया जाता है। इस कारण भारत में 17.5 करोड लोग कोई न कोई एक मानसिक बीमारी का सामना कर रहे हंै। इसमें से 2.5 करोड़ लोग गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। जिनका तत्काल से इलाज करना जरूरी है। वहीं वर्धा जिले में मानसिक रोग के 4 हजार 213 मरीज हैं। इसमें सबसे अधिक मरीज सिजोफ्रेनिया के हैं। इसमें से कुछ मरीज का पिछले 8 सालों से इलाज चल रहा है। इसके साथ ही तहसील स्तर पर मरीजों के लिए ग्रामीण अस्पताल व उपजिला अस्पताल में 1 दिन की रहती है। जहां पर उनका इलाज किया जाता है व प्रेरणा प्रकल्प द्वारा मानसिक रोग से ग्रसित किसानों का इलाज किया जाता है। 

समाज में गलत धारणाएं

किरण वानखेडे, मनोविकृति सामाजिक कार्यकर्ता के मुताबिक समाज में मानसिक बीमारी को लेकर अनेक प्रकार की गलत धारणाए हैं। जैसे मानसिक मरीज किसी के भी साथ कुछ भी करते हैं। घर के सदस्य भी ऐसे मरीजों को अपने पास नहीं आने देते। कई लोग यह मानते हैं कि मरीज के साथ जादूटोना किया गया है। इस गलत फहमी के चलते अनेक मरीज डॉक्टर तक नहीं पहुंच पाते। लेकिन जब वे पहुंचते हंै उस वक्त तक देर हो जाती है। इस कारण ऐसे मरीजों को  जल्द से जल्द डॉक्टर के पास पहुंच अपना इलाज करवाना चाहिए। 

 

 

Created On :   11 Oct 2022 8:15 PM IST

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