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रिश्वत में मांगे थे पांच हजार लेकिन मिल गई 4 साल की कैद
डिजिटल डेस्क कटनी। नसबंदी का ऑपरेशन असफल होने पर मुआवजा राशि का भुगतान कराने के एवज में 5 हजार की डिमांड करने के एक मामले में जिला अदालत की विशेष न्यायालय ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहोरीबंद के तत्कालीन सुपरवाइजर राजकुमार त्रिपाठी को 4 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की स्पेशल जज श्रीमती कविता वर्मा की अदालत ने आरोपी सुपरवाइजर पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने लोकसेवक होते हुए विभाग एवं पद की गरिमा के प्रतिकूल भ्रष्ट आचरण किया है। ऐसी स्थिति में उसकी सजा में रियायत नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने इस मामले में विस्तृत फैसला देते हुए आरोपी सुपरवाईजर को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
ये है मामला
यह घटना 7 जनवरी से 26 जून 2013 के दरम्यान की है। सामुदायिक स्वास्थ्य के सुपरवाईजर द्वारा आवेदक संतोष साहू की पत्नी रजनी साहू की नसबंदी का ऑपरेशन असफल होने पर मुआवजा के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था। इस मामले में मुआवजा दिलाने की एवज में आरोपी सुपरवाईजर ने 5 हजार रूपए रिश्वत की डिमांड की थी। आवेदक सुपरवाईजर को घूंस नहीं देना चाहता था इसके चलते उसने लोकायुक्त से शिकायत की थी। लोकायुक्त ने डिमांड की वाइस रिकार्डिंग के बाद आरोपी सुरवाइजर को 3 हजार की घूंस के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इस सिलसिले में लोकायुक्त की टीम ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया था।
कोर्ट में बयान से बदल गया था फरियादी
ट्रायल के दौरान फरियादी संतोष साहू कोर्ट में बयान से बदल गया था। एडीपीओ अभिषेक मेहरोत्रा ने नोटों की जब्ती समेत लिखित तर्क प्रस्तुत करते हुए आरोपी द्वारा घूंस लेकर पद का दुरूपयोग करने के सबूत कोर्ट में दाखिल किया था। कोर्ट ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को प्रमाणित पाते हुए आरोपी को गुनहगार ठहराया है।
Created On :   21 Sept 2017 5:03 PM IST