कोरोना से अनाथ हुए जिले के 5 बच्चों को नहीं फैलाना पड़ेगा हाथ

5 children of the district orphaned by Corona will not have to spread their hands
कोरोना से अनाथ हुए जिले के 5 बच्चों को नहीं फैलाना पड़ेगा हाथ
 वर्धा कोरोना से अनाथ हुए जिले के 5 बच्चों को नहीं फैलाना पड़ेगा हाथ

डिजिटल डेस्क, वर्धा। कोरोना काल में दोनों पालक गंवाए बालकों को राहत देने प्रधानमंत्री बाल सुरक्षा योजना शुरू की गयी। इस योजना अंतर्गत दोनों पालक गंवाए बालकों को विविध प्रकार के लाभ दिए जायंेगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑनलाइन उपस्थिति में यह कार्यक्रम जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार में आयोजित किया गया था। इस समय निवासी उपजिलाधिकारी अर्चना मोरे के हाथों वर्धा जिले के दोनों पालक गंवाए पांच बालकों को 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया गयाै। साथ ही बालकों के आयु के अनुसार 10 लाख रुपए तक बीमा सुरक्षा कार्ड व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रमाणपत्र दिया गया।एक बालक को केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश दिया। जाने वाला है। इस समय महिला व बाल विकास अधिकारी प्रशांत विधाते, बाल संरक्षण अधिकारी माधुरी भोयर उपस्थित थी। कोरोना के कारण दोनों पालक, कानूनी पालक व दत्तक पालकों का निधन होकर अनाथ हुए बालकों की देखभाल व सुरक्षा सुनिश्चित करना, स्वास्थ्य शिक्षण द्वारा सक्षमीकरण करना, आयु के 18 वर्ष में मासिक वेतन और आयु के 23 वें वर्ष एकमुश्त 10 लाख रुपए का लाभ देकर बालको को स्वयंपूर्ण करने के लिए यह योजना महिला व बाल विकास विभाग की ओर से चलाई जा रही है। इस के लिए वर्धा जिले में पांच बालकों के नाम दर्ज किए गए, इन पांचों बालकों को इस योजना का लाभ दिया गया है। कोरोना के कारण अपने माता-पिता गंवाए बालकों को पीएम केअर फॉर चिल्ड्रन फंड, निधि से 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद की जाती है। इन बालकों को आयु के 23 वे वर्ष तक मासिक स्टायपेंड देने की व्यवस्था की गयी है। इस के अलावा आयुष्यमान भारत योजना से बालकों को पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। इस का प्रीमियम भी पीएम केअर फंड से भरी जाएगी। इस के अलावा सभी शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध की जाएगी।

यवतमाल जिले के 12 बच्चों को सरकारी सहायता

यवतमाल जिले में कोरोना से माता और पिता ऐसे अभिभावक को खो चुके 12 बच्चे हैं। इन सभी को प्रधानमंत्री केअर योजना का लाभ देने के लिए सोमवार को चुना गया। ऐसे बच्चों को कभी भी कोई भी समस्या आती है तो संपर्क करने की सलाह जिलाधिकारी अमोल येडगे ने दी। यह बच्चे जिलाधिकारी कार्यालय राजस्व भवन में उपस्थित थे। खुद पीएम इन बच्चों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बात करनेवाले थे। मगर समय कम रहने से बात नहीं हो पायी। इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को की। जिससे देश में कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को इसका लाभ देने की शुरुआत हुई है। इसमें बच्चों को एक किट दी गई। जिसमें पीएम केअर फॉर चिल्ड्रेन योजना का पासबुक, हेल्थ कार्ड, आयुष्यमान कार्ड, प्रधानमंत्री का बच्चों को लिखा पत्र और स्नेहपत्र आदि का समावेश है। 18 वर्ष के भीतर के 8 बच्चे और 18 वर्ष से अधिक आयु के 4 बच्चे ऐसे 12 बच्चे उक्त योजना से लाभान्वित होनेवाले हैं। इस योजना में बच्चों को 23 वर्ष तक आयुष्यमान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा, 23वें वर्ष में 10 लाख की राशि मिलेगी। उसी प्रकार 18 वर्ष पूर्ण हो चुके बच्चों को 5 हजार 500 रुपये प्रतिमाह मिलेगा। उनके लिए शालेय शिक्षा मुफ्त रहेगी। उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा कर्ज मिलेगा, कक्षा 1 से 12 के छात्रों को 20 हजार रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति मिलेगी। कौशल्य प्रशिक्षण मिलेगा। उसी प्रकार 50 हजार रुपये सानुग्रह अनुदान मिलनेवाला है। इस समय जिलाधिकारी कार्यालय में मारेगांव, नेर, घाटंजी के अनाथ लड़कियों ने घर की दिक्कत के बारे में बताया। जिससे जिलाधिकारी ने यह दिक्कत दूर करने की सूचना संबधित विभाग को दी है। उसी प्रकार जाति प्रमाणपत्र शीघ्र देने के लिए आश्वासन दिया है। इस समय सीईओ डा.श्रीकृष्ण  पांचाल, जिला महिला एवं बालविकास अधिकारी ज्योति कडू, बालकल्याण समिति अध्यक्ष एड.प्राची निलावार, जिला बाल संरक्षण अधिकारी देवेंद्र राजुरकर, बालगृह अधीक्षक गजानन जुमले, बाल न्यायमंडल सदस्य एड. काजल कावरे, राजू भत, सीएस कार्यालय की डा.रमा बाजोरिया, शिक्षा विभाग की शिल्पा पोनपल्लीवार, डाकघर के सी.के.लोखंडे, बाल संरक्षण के अविनाश पिसुरडे, महेश हलदे, माधुरी पावडे, स्वप्नील शेटे, सुनील बोक्से, वनिता शिरपुले, कोमल नंदपटेल, आकाश बुरेवार और बच्चों के रिश्तेदार उपस्थित थे। 
 


 

Created On :   31 May 2022 7:56 PM IST

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