कोरोना पाजिटिव मिलते ही पांच डॉक्टर, 20 मेडिकल स्टॉफ सहित 61 लोग क्वारेंटाइन -मरीज का एरिया कंटेनमेंट घोषित 

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कोरोना पाजिटिव मिलते ही पांच डॉक्टर, 20 मेडिकल स्टॉफ सहित 61 लोग क्वारेंटाइन -मरीज का एरिया कंटेनमेंट घोषित 

डिजिटल डेस्क कटनी। लॉक डाउन फेज-2 के 15 वें दिन दरौली खुर्द (सिहोरा) की महिला सीता सिंह पति गेंद सिंह गोंड़ की कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट आने के बाद ग्रीन जोन में शामिल रहे कटनी को खतरे में डाल दिया। आईसीएमआर लैब से रिपोर्ट मिलने के बाद प्रशासन में हड़कम्प मच गया है। जब उसकी कांट्रेक्ट हिस्ट्री जुटाई तो पांच डॉक्टर (इनमें तीन शासकीय), 13 नर्स, सात हाउस कीपर, सात पेशंट, परिजनों, रिश्तदारों सहित 61 लोग सम्पर्क में आए। प्रशासन ने महिला के मायके गड्ढाटोला सहित उसके भाईयों, रिश्तेदारों के घरों के आसपास के एरिया को कंंटेनमेंट घोषित कर सील कर दिया है। महिला के मायके के क्षेत्र को सैनिटाईज करने पूरी नगर निगम की टीमें जुटी रहीं। कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि होने के बाद  जिला प्रशासन ने पूरे शहर में तीन मई तक टोटल लॉक डाउन घोषित कर दिया है। 
दस परिजनों के कलेक्ट किए सैम्पल-
जिला अस्पताल से कोरोना पाजिटिव महिला को उपचार के लिए जबलपुर रेफर कर दिया, वहीं उसके दस परिजनों के सैम्पल कलेक्ट किए गए हैं। जिनमें पति, पुत्र, भाई, भाभी, भतीजे शामिल हैं। हालांकि अभी यह सैम्पल जांच के लिए नहीं भेजे गए हैं। रैपिड रिस्पांस टीम के डॉ.समीर सिंघई ने बताया कि इसके पहले जिले से 35 सैम्पल जांच के लिए भेजे जा चुके थे। जिनमें से छह रिजेक्ट हो चुके हैं, पांच की रिपोर्ट पेंडिग हैं, 23 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 
7809 मकान लॉक,
आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में कलेक्टर शशिभूषण सिंह ने बताया कि पूरे कन्टेनमेट क्षेत्र में 7 हजार 809 मकानों को शामिल कर लॉक किया गया है। मेडिकल सर्विलांस की टीम घर-घर जाकर क्षेत्र के सभी लोगों की स्क्रीनिंग और सर्विलान्स कर रही है। किसी भी व्यक्ति में जरा भी लक्षण पाये जाने पर संस्थागत कोरोन्टाईन किया जायेगा। वार्ड के अन्य 7 निगेटिव रिपोर्ट प्राप्त मरीजों को भी आईसोलेशन में रखा गया है। सम्पूर्ण कटनी नगरीय क्षेत्र में 3 मई तक कम्पलीट लॉकडाउन है। कन्टेन्टमेन्ट एरिया में सीसीटीवी के माध्यम से पूरे वार्ड की निगरानी होगी। कन्टेनटमेन्ट एरिया में किसी भी प्रकार की आवाजाही निषिद्ध रहेगी। महिला के द्वितीय सम्पर्कियों की रिपोर्ट के आधार पर व्यवस्थायें और भी सख्त की जा सकती हैं।
सीमाएं सील, फिर भी पहुंच गई महिला-
इस मामले में प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सुर्खियों में है। जबलपुर जिला रेड जोन में है और दोनों जिलों की सीमाएं सील हैं तब महिला सिहोरा से यहां कैसे पहुंच गईं? इस सवाल का जवाब देने में अधिकारियों का पसीना आ रहा है। लॉक डाउन में सीमाएं सील होने का मुद्दा आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में भी उठा था पर अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं पाए। वहीं कोरोना पॉजिटिव महिला 24 अप्रैल से शहर में दो प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराती रही लेकिन किसी ने भी उसके कोरोना संदिग्ध होने की हिस्ट्री का पता नहीं लगाया। जबकि मंगतराम हॉस्पिटल में उसका एक्स-रे भी हुआ था। 
यह है जिला अस्पताल का स्टाफ-
कोरोना पाजिटिव महिला की कांटे्रक्ट हिस्ट्री से सबसे ज्यादा जिला अस्पताल प्रभावित हुआ है। तीन डॉक्टरों सहित 24 कर्मचारी और छह मरीज उसके सम्पर्क में आए,  जिनमें डॉ.अभिषेक शर्मा, डॉ.एस.पी.सोनी, डॉ.हर्षिता गुप्ता 13 नर्स, सात हाउस कीपर एवं सात मरीज जो उस वार्ड में भर्ती रहे। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से ही स्पष्ट होता है कि कोरोना पॉजिटिव महिला को दो दिन तक जनरल वार्ड में रखा था। जिन मरीजों का उसका सम्पर्की बताया गया है, वह सभी उसी वार्ड में 28 एवं 29 अप्रैल को भर्ती रहे। सैम्पल लेने के बाद महिला को आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया। 
 

Created On :   1 May 2020 1:07 PM GMT

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