साल भर में ही धंसकने लगे 622 करोड़ की एनएच के पुल-पुलिया

622-crore NH bridges and culverts started within a year
साल भर में ही धंसकने लगे 622 करोड़ की एनएच के पुल-पुलिया
साल भर में ही धंसकने लगे 622 करोड़ की एनएच के पुल-पुलिया



डिजिटल डेस्क कटनी। लमतरा ब्रिज की तरह राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-30 मैहर-स्लीमनाबाद रोड के पुल-पुलिया भी धंसकने लगे हैं। वहीं रोड भी कई स्थानों पर दरक गई है। 622 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने मैहर से स्लीमनाबाद तक 60 किलोमीटर सड़क का निर्माण कराया था। एक साल पहले ही नवम्बर माह में टोल प्लाजा प्रारंभ हुए थे। तभी से रोड भी आवाजाही के लिए शुरू कर दी गई थी। अभी साल भर ही बीता है कि एनएच के पुल-पुलिया वाहनों का वजन नहीं सह पा रहे और धंसने लगे हैं और सड़क भी कई जगह से टूटने लगी है। ऐसी ही स्थिति नैगवां के समीप पुल की है। इस सड़क का निर्माण एल एंड टी कंपनी ने किया था। उल्लेखनीय है कि कटनी-शहडोल मार्ग पर भी लमतरा ओवरब्रिज का एक हिस्सा डैमेज हो गया है। उसकी मरम्मत के लिए यहां पूरा आवागमन डायवर्ट किया गया है।
एक हिस्सा डैमेज-
नैगवां के समीप पुलिस के एक हिस्से में कुछ माह पहले  क्रेक आने पर डामर की कोडिंग की गई जब के्रक बढऩे लगे और पुल की सतह लगभग दो इंच तक धंसक गई तब डैमेज हिस्से को हटाने का काम शुरू किया। पिपरौंध से स्लीमनाबाद तक कई स्थानों में पुलियों में भी के्रेक आ गए हैं। जिनमें डामर का लेप लगाया गया है। एनएचएआई ने सड़क की टूट फूट को सामान्य प्रक्रिया बताया है लेकिन विभाग रिपेयर के लिए गंभीर है।
लगातार निगरानी-
एनएचएआई कटनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बाझल के अनुसार एनएचआई की टीम द्वारा पूरी सड़क की नियमित मॉनीटरिंग की जाती है। नैगवां के समीप पुल के डैमेज होने की जानकारी सामने आते ही ठेका कंपनी को सुधार के निर्देश दिए और अब वहां काम भी शुरू हो गया है।
समय से पहले तीन पुल हुए ध्वस्त-
जिले में अलग-अलग कारणों से डेढ़ वर्ष के अंतराल में तीन पुल समय से पहले ध्वस्त हो चुके हैं। सबसे पहला नंबर कटनी नदी में निर्माणाधीन पुल का आता है। यहां पर करीब डेढ़ वर्ष पहले जब पुल में स्लैब पड़ा। कुछ दिनों बाद दरार आ गई और पूरे स्लैब को ढहाना पड़ा। इसका फिर से निर्माण अब तक शुरू नहीं हो सका है। इसी तरह से दमोह रोड में भी नहर के ऊपर बनाई गई पुलिया ध्वस्त हो चुकी थी। आज तक डायवर्सन मार्ग का उपयोग किया जा रहा है। लमतरा का ओव्हर ब्रिज भी लापरवाही का भेंट चढ़ चुका है। जिसे नए सिरे से एमपीआरडीसी के अधिकारी ठेकेदार के माध्यम से बनवा रहे हैं। कटनी नदी पुल का निर्माण पिछले एक दशक से लटका पड़ा है। पुराना पुल वर्षों पहले क्षतिग्रस्त घोषित कर दिया गया है। प्रतिबंध के बाद भी पुराने  पुल से भारी वाहनों की आवाजाही जारी है।

Created On :   20 Dec 2020 11:30 PM IST

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