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70-80 फीसदी तक फेफड़े डैमेज, तो भी नहीं मिल रहा रेमडेसिविर
* जब तक भर्ती मरीजों के अनुपात में नहीं मिलेंगे तब तक नहीं सुधर सकते हैं हालात
* युवाओं को ज्यादा जरूरत सामने आए कई मामले
* हर दिन आ रही खेप, लेकिन मरीजों की संख्या के आगे साबित हो रही बौनी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर बीते कई दिनों से चली आ रही मारामारी अब भी लगातार जारी है। इस इंजेक्शन को लेकर अस्पतालों में जो मुख्य रूप से बात सामने आ रही वह यह है कि जिन मरीजों को ज्यादा जरूरत है उन्हें यह नहीं मिल पा रहा है। ऐसे पीडि़तों के जिनके फेफड़े 70 से 80 फीसदी तक डैमेज हो चुके हैं उन्हें इसकी हर हाल में आवश्यकता है, पर उन्हें भी यह बड़ी जद्दोजहद के बाद या तो नहीं मिल रहा या मिल भी रहा है तो डोज पूरा नहीं हो पा रहा है। अभी तक यह इंजेक्शन विशेष बात यह रही कि ज्यादा उम्र के पीडि़तों को ज्यादा लगाया जाता था, क्योंकि उनके लंग्स ज्यादा खराब हो चुके रहते थे, पर अब ज्यादा संख्या में युवा ही छाती छलनी होने के साथ भर्ती हो रहे हैं। अस्पतालों में युवाओं को इस इंजेक्शन की अधिक आवश्यकता बताई जा रही है। अस्पतालों में जितने मरीज भर्ती हैं उसके अनुपात में इसकी सप्लाई 20 प्रतिशत के करीब ही है। सीएमएचओ रत्नेश कुरारिया ने बताया कि मंगलवार को 838 रेमडेसिविर निजी अस्पतालों को बाँटे गए। बुधवार को भी 700 की अगली खेप आएगी।
न दिला पाने के पीछे कई तरह के तर्क
स्वास्थ्य और प्रशासन के जिस अमला पर पीडि़तों को इंजेक्शन दिलाने की जिम्मेदारी है वे पीडि़तों को इंजेक्शन न मिल पाने के पीछे, साथ ही खुद को सही साबित करने कई तरह के तर्क दे रहे हैं। जैसे कहा जा रहा है कि जिसे जरूरत नहीं उसने भी इंजेक्शन लगवा लिए। जिसको जरूरत नहीं उसके लिए माँगे जा रहे हैं। सभी पीडि़तों को जरूरत नहीं पड़ती, बेवजह लगवाये जा रहे हैं। खुद जिम्मेदारी से बचने या आम आदमी की जान साँसत में डालने के बाद कई तरह के तर्क दिये जा रहे हैं। पीडि़तों के परिजन एक-एक इंजेक्शन के लिए या तो मानसिक परेशानी झेल रहे या फिर यहाँ से वहाँ चक्कर लगा रहे हैं।
शहर पहुँचे 50 बॉक्स
राज्य शासन के विमान से मंगलवार की दोपहर रेमडेसिविर के 2400 इंजेक्शन डुमना पहुँचे। विमानतल पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने 50 बॉक्स में भरे (प्रत्येक में 48) इन इंजेक्शनों को प्राप्त किया। शहर पहुँची रेमडेसिविर इंजेक्शन की इस खेप में से जिले को 500 डोज, कटनी को 250 डोज, नरसिंहपुर को 150 डोज, सिवनी को 100 डोज, मंडला को 100 डोज, बालाघाट को 150 डोज, डिंडोरी को 50 डोज, मेडिकल जबलपुर और छिंदवाड़ा को 960 तथा शेष डोज क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवायें को उपलब्ध कराई गई हैं।
Created On :   21 April 2021 2:32 PM IST