752 किसानों को मिला सौर कृषि पंप का लाभ

752 farmers got the benefit of solar agriculture pump
752 किसानों को मिला सौर कृषि पंप का लाभ
वर्धा 752 किसानों को मिला सौर कृषि पंप का लाभ

डिजिटल डेस्क, वर्धा. सिंचाई के लिए किसानों को कुओं पर के कृषि पंपों को बिजली कनेक्शन होना अत्यंत आवश्यक है। सरकार ने गत पांच वर्ष में जिले के करीब 12 हजार 669 किसानों को कृषि पंप के लिए बिजली कनेक्शन दिए हैं। जिले की खेती अधिकतर बारिश पर निर्भर हैं। इस कारण अधिकतर किसान केवल खरीफ मौसम में ही मुख्य फसल लेते हैं। किसानों को एक से अधिक फसल लेने के लिए उन्हें सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने पर जोर दिया जा रहा है। विविध योजना से किसानों को कुओं के निर्माणकार्य का भी लाभ दिया जाता है। शासकीय योजना सहित किसानों को स्वयं खर्च से बनाए कुओं को बिजली कनेक्शन दिया जाता है। वर्ष 2016-17 से  2020-21 इन पांच वर्ष में बड़े प्रमाण में बिजली कनेक्शन का कार्यक्रम चलाया गया। इस कारण 12 हजार 669 किसानों के कृषि पंपों को बिजली कनेक्शन मिले हैं। गत पांच वर्ष में वर्धा तहसील के 1 हजार 423 किसानों को बिजली कनेक्शन दिए गए। सेलू तहसील के 826 किसानों को बिजली कनेक्शन, देवली तहसील के 1 हजार 667 किसानों के कृषि पंपों को बिजली कनेक्शन, आर्वी तहसील के 1 हजार 883 किसानों के कृषि पंपों को बिजली कनेक्शन, आष्टी तहसील के 1 हजार 303 किसानों, कारंजा तहसील के 1 हजार 125 किसानों, हिंगणघाट तहसील के 2 हजार 329 किसानों, समुद्रपुर तहसील के 2 हजार 113 किसानों के कृषि पंपों को बिजली कनेक्शन दिए गए है। बाकी बचे एक पंप का काम अंतिम चरण में हैं।

संतरा उत्पादक दिक्कत में, अनेक इलाकों के कुओं का घटा जलस्तर 

उधर कारंजा घाडगे के अनेक किसानों के संतरे के बागीचे बढ़ते तापमान के कारण सूखने की कगार पर हैं। इस कारण किसानों के सामने बड़ा आर्थिक संकट निर्माण हुआ है। मई माह के शुरुआत में ही तहसील के अनेक संतरा बगीचों की हालत दयनीय होने से संतरा उत्पादक आर्थिक संकट से घिर गए हैं। तहसील के अधिकतर खेतों के कुओं का जलस्तर घट गया है। संतरे के पौधों को अधिक प्रमाण में पानी की आवश्यकता होती है। अपने संतरे के बगीचे बचाने के लिए किसान भागदौड़ कर रहे हैं। अनेक किसानों के संतरे के बगीचे के पौधे सूख चुके हैं। इन पौधों पर आने वाला अंबिया बहार भी झड़ गया है। तहसील में अंदाजन 25 हजार हेेक्टेयर क्षेत्र में संतरे के बगीचे हैं। इन बगीचों को बचाने के लिए किसानों को 400 से 500 रुपए में पानी के टैंकर खरीदने पड़ रहे हैं। कारंजा तहसील में सिंचाई की सुविधा नहीं रहने से किसानों ने अपने खेतों में बोरवेल, कुओं का निर्माण कर संतरे के बगीचे तैयार किए हैं। लेकिन फिलहाल दिनोंदिन बढ़ रहे तापमान के कारण तहसील का जलस्तर घट रहा है। तहसील के खैरी, कार नदी प्रकल्प से सिंचाई योजना का काम भी पूरानहीं हुआ। फिलहाल तहसील के हेटीकुंडी, मोर्शी, खरसखंडा, येणगांव, पिपरी इन भागों के संतरा बगीचे सूख रहे हैं। 
 

 

 

Created On :   12 May 2022 1:24 PM GMT

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