रेप के आरोपी को बता दिया नपुंसक, दोबारा होगी जांच

accused of rape is Impotent in the medical report
रेप के आरोपी को बता दिया नपुंसक, दोबारा होगी जांच
रेप के आरोपी को बता दिया नपुंसक, दोबारा होगी जांच

डिजिटल डेस्क कटनी। जालपा कोचिंग में पढ़ाने वाली दो सगी बहनों के साथ दुष्कर्म के आरोप में घिरे कोचिंग संचालक को नपुंसक बताने वाली मेडिकल रिपोर्ट पर उठे सवाल के बाद अब जहां पुलिस आरोपी का संभागीय मेडिकल बोर्ड द्वारा पुरूषत्व जांच कराए जाने की बात कह रही है। वहीं दूसरी ओर यह भी देखने में आया है कि पूर्व में भी जिले में घटित दुष्कर्म के कई हाई प्रोफाइल मामलों में आरोपी को कथित तौर पर बचाने के लिए मेडिकल रिपोर्ट में उसे नपुंसक करार दिया गया। हालॉकि पीडि़त पक्ष द्वारा इन रिपोर्टों को चुनौती न दिए जाने से मामला सुर्खियों में नहीं आ पाया तथा दुष्कर्म के आरोपियों को नामर्द बताने वाली इन रिपोर्टों के आधार पर आरोपी दुष्कर्म जैसी संगीन अपराध से बच भी गए।
यह पहला मामला नहीं
गौरतलब है कि दुष्कर्म के आरोपी को मेडिकल रिपोर्ट में नपुंसक ठहराए जाने का जिले में यह पहला मामला नहीं है। हाल ही में कुछ महीनों पूर्व एक अन्य रेप के हाई प्रोफाइल मामले मेें ऑन ड्यूटी डॉक्टर द्वारा मेडिको लीगल रिपोर्ट में नपुंसक ठहराया गया था। हालॉकि पीडि़त पक्ष द्वारा उक्त रिपोर्ट को चैलेंज न किए जाने से इस रिपोर्ट पर सवाल नहीं खड़े हो सके।
पुलिस की जांच पर भी सवाल
गौरतलब है कि जालपा कोचिंग संचालक संतोष तिवारी को बचाने के आरोप भी पीडि़त पक्ष द्वारा पुलिस पर लगाए जा रहे हैं। आरोप है कि आरोपी को हिरासत में लिए जाने के दौरान पुलिस द्वारा कोचिंग के कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क को जब्त नहीं किया गया और न ही हार्ड डिस्क की सायबर सेल से जांच कराई गई। जांच अधिकारी द्वारा आरोपी के मोबाइल पर किसी भी अन्य शिक्षिका अथवा छात्रा की अश्लील तस्वीर न होने की बात बताई गई थी। साथ ही कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क में भी कुछ संदेहास्पद न मिलने का उल्लेख जांच में किया गया था।
कोचिंग की तीन शिक्षिकाओं पर भी आरोप
पीडि़त पक्ष द्वारा कोचिंग की तीन शिक्षिकाओं पर भी उन्हें डराने-धमकाने तथा झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया गया है। पीडि़त पक्ष द्वारा इसकी शिकायत करीब एक माह पूर्व एसपी को की गई थी। जिसकी जांच के आदेश एसपी द्वारा महिला सेल प्रभारी डीएसपी महेश मरावी को दिए थे।
नेत्र रोग विशेषज्ञ की रिपोर्ट पर उठे सवाल
उल्लेखनीय है कि जालपा कोचिंग के संचालक संतोष तिवारी पर कोचिंग की पूर्व छात्राओं तथा वहीं पर शिक्षण कार्य कर रही दो सगी बहनों द्वारा दुष्कर्म का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी गई थी। जिसके बाद महिला पुलिस द्वारा आरोपी के विरूद्ध दो अलग-अलग प्रकरण दर्ज कर दुष्कर्म तथा पाक्सो अधिनियम की धाराओं के तहत आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। वहीं आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट में जिला चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. यशवंत वर्मा द्वारा आरोपी को नपुंसक करार दिया गया। पुलिस द्वारा इसी रिपोर्ट के साथ जिला न्यायालय में चालान भी पेश कर दिया। अब पीडि़त पक्ष द्वारा नेत्र रोग विशेषज्ञ की रिपोर्ट के औचित्य पर सवाल खड़े किए गए हैं। जिसमें नेत्र रोग विशेषज्ञ को पुरूषत्व जांच के लिए अयोग्य ठहराया जा रहा है। हालॉकि नियमों के अनुसार ओपीडी में पदस्थ ऑन ड्यूटी डॉक्टर आरोपी की पुरूषत्व जांच के लिए जिम्मेदार होता है। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या डॉ. वर्मा उक्त दिनांक तथा समय पर ओपीडी में ऑन ड्यूटी डॉक्टर थे या नहीं।

 

Created On :   7 Oct 2017 1:05 PM IST

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