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घोटाला करने वालों पर नहीं हुई कार्रवाई, ठंडे बस्ते में दफन हैं फाइलें
डिजिटल डेस्क कटनी। सहकारी समितियों में हुए ऑडिट में लाखों की गड़बड़ी सामने आई है। जिसमें प्राथमिक कृषि साख समिति जरवाही में ही 15 लाख का घोटाला उजागर हुआ है। सहकारी निरीक्षक ने विक्रेताओं से राशि वसूली का नोटिस जारी किया है। छह माह बीतने के बाद भी मामला ठंडे बस्ते हैं। जनप्रतिनिधियों ने सहायक आयुक्त सहकारिता को पत्र लिखकर दोषियों से राशि वसूल करने एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की मांग की है। सहकारी निरीक्षक के पत्र के अनुसार प्राथमिक कृषि साख समिति जरवाही की नौ दुकानों में ब्याज सहित 14 लाख 90 हजार 730 रूपए की आर्थिक क्षति उठाना पड़ी है। सहकारी निरीक्षक ने उक्त राशि विक्रेताओं से वसूली करने के आदेश दिए हैं।
यह है मामला, इनसे होना है वसूली
सहायक पंजीयक कार्यालय (अंकेक्षण) कटनी के सहकारी निरीक्षक आर.पी.मेहरा द्वारा जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि सहायक पंजीयक कार्यालय (अंकेक्षण) कटनी के आदेश क्रमांक अंक.2015/ कटनी दिनांक 21/12/2015 के परिपालन में प्राथमिक कृषि साख समिति जरवाही का अंकेक्षण किया गया। अंकेक्षण के दौरान पाया गया कि संस्था को जानबूझ कर छलकपट पूर्वक तथा बेईमानी से क्षति पहुंचाई गई। जिसके लिए उत्तरदायी संस्था के विक्रेता राजेन्द्र सिंह दुकान पिपरौंध, लखापतेरी, जरवाही, दिवरीटोला, विक्रेता उपेन्द्र दत्त तिवारी दुकान इमलिया, विक्रेता अश्वनी मिश्रा दुकान गुलवारा, पडुआ, विक्रेता राजकुमार दुबे दुकान कछगवां, बण्डा हैं। आर्थिक क्षति का विवरण अंकेक्षण आक्षेप क्रमांक 27 में दर्ज है। सहकारी निरीक्षक ने विक्रेता राजेन्द्र सिंह से 10 लाख, 80 हजार, 653 रूपए, विक्रेता उपेन्द्र दत्त तिवारी से 2,31724 रूपए, विक्रेता अश्वनी मिश्रा से 38,645 रूपए, विक्रेता राजकुमार दुबे से एक लाख 39718 रूपए की वसूली करने का आदेश दिया है।
पूर्व अध्यक्ष व प्रशासक पर हो कार्यवाही
जनपद पंचायत कटनी की उपाध्यक्ष अर्चना सत्येन्द्र जायसवाल ने सहायक आयुक्त सहकारिता एवं प्रदेश के सहकारिता मंत्री को पत्र लिखकर कृषि साख समिति मर्यादित जरवाही में हुई गड़बड़ी पर पूर्व अध्यक्ष एवं प्रशासक पर कार्यवाही करने की मांग की है। जनपद पंचायत उपाध्यक्ष ने पत्र में आरोपित किया है कि सहायक प्रबंधक एवं तत्कालीन अध्यक्ष की मिलीभगत से किसान के्रडिट कार्ड में खाद-बीच विक्रय में लाखों का घोटाला किया गया। दागी सहायक प्रबंधक को ही प्रशासक बना दिया गया। अध्यक्ष व सहायक प्रबंधक की सांठगांठ होने से धांधलियों पर कोई कार्यवाही नहीं होती है। उपाध्यक्ष ने तत्कालीन अध्यक्ष एवं सहायक प्रबंधक के कार्यकाल में हुई गड़बडिय़ों की निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही की मांग की है।
इनका कहना है
सहकारी समितियों में आडिट आपत्तियों का निराकरण कराया जा रहा है। लिपिकीय त्रुटि के कारण आडिट आपत्ति आई है। कुछ विक्रेताओं ने आडिट आपत्तियों का
निराकरण कर दिया है।
(अरविंद पाठक, प्रबंधक जिला सहकारी बैंक कटनी)
Created On :   11 May 2018 2:24 PM IST