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'मिल-बांचें मध्यप्रदेश' सिर्फ CM के फोटो और प्रवचन का कार्यक्रम है : अजय सिंह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि शनिवार को MP में हजारों स्कूल शिक्षक भवन के साथ ही बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं और CM अपनी फोटो और प्रवचन सुनाने का मोह नहीं छोड़ रहे हैं। खुद CM के विधानसभा क्षेत्र में नसरूल्लागंज के ग्राम बुराठ में एक झोपड़ी में प्राइमरी स्कूल चलता है, जिसमें 44 बच्चें पढ़ते हैं और बारिश में स्कूल बंद रहता है। क्या CM उस स्कूल में जाएंगे "मिल-बांचें मध्यप्रदेश" के लिए।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने "मिल-बांचें मध्यप्रदेश" कार्यक्रम पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि CM नए-नए अवसर तलाशते हैं, जश्न मनाते हैं, यह कार्यक्रम भी सिर्फ जश्न है। पूरे MP के शिक्षकों को फरमान जारी किया गया कि भोपाल में आयोजित CM के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण बच्चों को सुनाएं। जहां रेडियो नहीं वहां रेडियो खरीदे जाएं। फिर उस स्कूल में भवन हो न हो, शिक्षक हो न हो, इससे कोई लेना-देना नहीं है। नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि असलियत यह है कि एक लाख से भी अधिक स्कूलों में बिजली नहीं है।
इस मामले में पूरे देश में हम तीसरे राज्य हैं, पहले नंबर पर झारखंड और दूसरे नंबर पर असम राज्य है। यह जानकारी भी स्वयं केंद्र सरकार ने राज्यसभा में दी। इसी तरह शौचालय नहीं हैं। हाल ही में छतरपुर जिले के लवकुश नगर तहसील के गुधोरा की प्राथमिक स्कूल की एक बालिका मजबूरी में शौच के लिए बाहर गई तो मास्टर ने उसका मल उसी से साफ करवाया। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण आयोग ने 500 से अधिक अनुशंसा की हैं, जिसमें स्कूल भवन, शौचालय, बिजली, पानी के अभाव को दूर करने का कहा है, लेकिन यह सब सिफारिशें फाइलों में कैद है।
Created On :   26 Aug 2017 8:10 PM IST