मुआवजा न मिलने से नाराज किसान चढ़ा टॉवर पर, एडीएम के आश्वासन पर 12 घंटे बाद आया नीचे

Angry peasants climbed up tower due to non-compensation, came down after 12 hours on ADMs assurance
मुआवजा न मिलने से नाराज किसान चढ़ा टॉवर पर, एडीएम के आश्वासन पर 12 घंटे बाद आया नीचे
मुआवजा न मिलने से नाराज किसान चढ़ा टॉवर पर, एडीएम के आश्वासन पर 12 घंटे बाद आया नीचे


डिजिटल डेस्क सतना। उचेहरा थाना क्षेत्र के अतरबेदिया में मुआवजे की मांग को लेकर किसान टावर पर चढ़ गया, जिसे नीचे लाने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं।  पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बालेन्द्र पाण्डेय पुत्र द्वारिका प्रसाद पाण्डेय 30 वर्ष के खेत में ट्रांसमिशन लाइन का टॉवर लगा है। शनिवार सुबह तकरीबन 10 बजे  वह टॉवर में 70 फीट की ऊंचाई पर जाकर बैठ गया और मुआवजे की रकम खाते में जमा कराने के बाद ही नीचे आने की मांग रख दिया। यह खबर परिजनों ने पुलिस को दी तो थाने से 4 घंटे बाद एक टीम को मौके पर भेजा गया, मगर किसान ने उतरने से इंकार कर दिया। समझाइश की कोशिश सफल नहीं होने पर पुलिस अधिकारियों को खबर दी गई, तब शाम लगभग 7 बजे उचेहरा एसडीएम धीरेन्द्र सिंह, नागौद एसडीओपी रविशंकर पाण्डेय, उचेहरा टीआई राजेन्द्र मिश्रा और पॉवर ग्रिड के कुछ अधिकारी अतरवेदिया पहुंचकर बालेन्द्र को मनाने में जुट गए। अंतत:  रात साढ़े 9 बजे जब एडीएम विमलेश सिंह ने मौके पर पहुंचकर समझाइश दी और सोमवार सुबह 11 बजे समस्त दस्तावेजों के साथ अपने कार्यालय में बुलाकर निराकरण का भरोसा दिलाया। तब जाकर बालेन्द्र नीचे उतर आया।
ये है मांग—
बालेन्द्र का आरोप है कि वर्ष 2011 में उसके खेत में टॉवर गाड़कर लाइन निकाली गई थी, मगर उचित मुआवजा नहीं दिया गया। जबकि वर्ष 2015 में तत्कालीन कलेक्टर संतोष मिश्रा ने किसानों और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा कर 12 लाख प्रति टॉवर तथा 3 हजार प्रति मीटर तार का मुआवजा पारित किया था, लेकिन पावर ग्रिड प्रबंधन की मनमानी के कारण 10 वर्ष से भुगतान अटका है। यह भी आरोप है कि बालेन्द्र की तरह लगभग 15 किसान मुआवजे के लिए परेशान हैं। देर रात तक प्रशासन और किसान के बीच बातचीत का सिलसिला जारी रहा।

Created On :   28 Feb 2021 12:42 PM GMT

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