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MP : उपचुनाव के पहले सहरिया जाति को सीधे नौकरी का तोहफा
डिजिटल डेस्क,भोपाल। देश के अशोकनगर जिले की मुंगवाली तथा शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा सीट के उपचुनावों के पूर्व शिवराज सरकार ने इन दोनों क्षेत्रों के जिलों में रहने वाली विशेष पिछड़ी जनताति सहरिया के लोगों को सीधे शासकीय नौकरी का तोहफा दे दिया है। पहले अन्य जिलों में रहने वाली बैगा एवं भारिया जनजाति के लिए ही यह प्रावधान था।
राज्य सरकार ने 20 साल बाद मप्र लोक सेवा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण नियम 1998 में संशोधन कर इस नए तोहफे का अमलीकरण किया है। नए प्रावधान के अनुसार, अब यदि आवेदक जिला श्योपुर, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, भिण्ड, शिवपुरी, गुना तथा अशोकनगर की सहारिया/सहरिया आदिम जनताति, जिला मण्डला, डिण्डौरी, शहडोल, उमरिया, बालाघाट तथा अनूपपुर की बैगा आदिम जनजाति तथा जिला छिन्दवाड़ा के तामिया विकासखण्ड की भारिया जनजाति का है, संविदा शाला शिक्षक या तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के किसी भी पद के लिये या कार्यपालिक वनरक्षक पद के लिए आवेदन करता है और उस पद के लिए विहित की गई न्यूनतम अर्हता रखता है, तो उसे भर्ती प्रक्रिया अपनाए बिना उक्त पद पर नियुक्त किया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में 15 जिलों में तीनों जातियों के 2314 ग्राम चिन्हित किए गए हैं जिनमें इनकी कुल आबादी 5 लाख 50 हजार 608 है तथा इन जातियों का कुल जनजातियों में प्रतिशत 4.51 है। सहरिया जाति के लिए शिवपुरी और अशोकनगर में विकास प्राधिकरण भी कार्यरत हैं। बैगा जनजाति की जनसंख्या 1 लाख 31 हजार 425, सहरिया जनजाति की जनसंख्या 4 लाख 17 हजार 171 तथा भारिया जनजाति की जनसंख्या 2012 है।
मप्र जीएडी अपर सचिवकेके कातिया का कहना है कि पहले नियमों में सिर्फ बैगा और भारिया जनजातियों को ही आवेदन देने पर सीधे नौकरी देने का प्रावधान था, लेकिन अब सहरिया जनजाति को भी इसमें शामिल कर लिया गया है।
Created On :   19 Jan 2018 11:45 AM IST