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प्रशासन के पास पहुंचा पब्लिक ट्रस्ट की भूमि में बंदरबाट का मामला
डिजिटल डेस्क कटनी । सुभाष चौक के समीप सार्वजनिक भूमि पर भू-माफिया के कब्जे की फाइल फिर से खुलने के संकेत कलेक्टर ने दिए हैं। इस संबंध में दैनिक भास्कर ने दो दिन पहले खबर लगाकर यह प्रकाशित किया था कि किस तरह से सार्वजनिक भूमि के हितों का बंदरबांट किया है। खबर प्रकाशन के बाद मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के उपसचिव का वह पत्र भी सामने आ गया है। जिस पत्र को शिकायत के साथ दबा दिया गया था। कलेक्टर ने कहा कि यह मामला संज्ञान में है, और दस्तावेज निकलवाकर भू-माफियाओं पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
अपराध की बताया श्रेणी
पब्लिक ट्रस्ट घोषित होने के बाद अभिलेखों में सुधारकार्य नहीं होने पर इसे अपराध की श्रेणी में तत्कालीन उपसचिव ने माना है। पत्र में कहा गया है कि खसरा नंबर 1331/1 रकवा 0.583 सार्वजनिक भूमि के प्रबंधक कलेक्टर हैं। जिनके नाम पर भू-स्वामी दर्ज है। इसके बावजूद उक्त संपत्ति पर अन्य व्यक्तियों का कब्जा है। मिसल बंदोबस्त के अनुसार खसरा नंबर 1331 का रकवा 1.99 एकड़ अर्थात 0.806 हेक्टेयर होता है परंतु अभिलेखानुसार खसरा नं. 1331 के समस्त बटे नंबरों का योग 0.835 हेक्टेयर होता है। यह मिसल के रकवे से 0.029 हेक्टेयर अधिक है।
दो भागों में बांट दिया खसरा
तत्कालीन उपसचिव एन.एस. परमार ने वर्ष 2010 में जो पत्र कलेक्टर को भेजा है उसमें लिखा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 1.99 एकड़ भूमि को दो भागों में बिना विधि का पालन किये बांट दिया गया है। पब्लिक ट्रस्ट घोषित होने के बावजूद भी खसरा नं. 1331 तथा इसके बटे नंबर का विक्रय सरवराहकार एवं उनके वारसानों द्वारा किया गया है। राजस्व अभिलेख में इसका इंद्राज भी किया गया। इस प्रकार सार्वजनिक हित की संपत्ति को खुर्दबुर्द किया गया है जो अवैधानिक है। जांच अपरांह अभिलेखों में सुधार किये जाने के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्व ने पहना काला चश्मा
शासकीय भूमि में अवैध निर्माण और उनके बंदरबाट को लेकर राजस्व विभाग के अधिकारियों पर सवालिया निशान लगाये जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि राजस्व के अधिकारी और कर्मचारी उसी चश्मा का उपयोग सरकारी भूमि के लिए किए जिस चश्मे को भू-माफिया इन्हें दिए हुए थे जिसके चलते शिकायतें होती रहीं और शासन से लाखों रूपये पगार पाने वाले अधिकारी, कर्मचारी भू-माफियाओं के आगे नतमस्तक होते रहे।
इनका कहना है
यह मामला संज्ञान में है। इसकी जांच कराई जाएगी और जांच के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- एस.बी. सिंह, कलेक्टर
Created On :   31 Dec 2019 7:54 PM IST