बीजेपी प्रवक्ता के नाते सीबीआई यह भी कहे कि व्यापमं महाघोटाला हुआ ही नहीं : कांग्रेस

CBI is working as BJP spokes person
बीजेपी प्रवक्ता के नाते सीबीआई यह भी कहे कि व्यापमं महाघोटाला हुआ ही नहीं : कांग्रेस
बीजेपी प्रवक्ता के नाते सीबीआई यह भी कहे कि व्यापमं महाघोटाला हुआ ही नहीं : कांग्रेस

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने मप्र के बहुचर्चित व्यापमं महाघोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जारी सीबीआई जांच की धीमी गति, जांच के दौरान दोषी बड़े मगरमच्छों को बचाने के प्रयास, व्यापमं महाघोटाले की जांच कर रही विभिन्न विशेष अदालतों में से 9 अदालतों को बंद किए जाने की उच्च न्यायालय में दी गई दलील और इस घोटाले की आंच में आए 40 लोगों की हत्या, आत्महत्या के अधिकांश मामलों में लगाई गई क्लोजर रिपोर्ट, जिसमें यह कहा गया है कि मरने वालों की मौत की वजह कर्ज तंगी और प्रेम त्रिकोण जैसे कारण है, को राजनैतिक दबाव वश किया जा रहा जांच का हिस्सा बताया है। 

 मिश्रा ने कहा है कि सीबीआई के इस प्रकार के काम से तो यही कहना सही होगा कि देश की एक निष्पक्ष कही जाने वाली जांच एजेंसी सीबीआई एक राजनैतिक खिलौना बन इस महाघोटाले की दोषी बीजेपी और राज्य सरकार की प्रवक्ता बन चुकी है। लिहाजा, प्रवक्ता के रूप में सीबीआई को विशेष अदालतों में चल रहे विभिन्न प्रकरणों से संबंधित फैसला आने के पूर्व यह भी घोषित कर देना चाहिए कि मप्र में व्यापमं महाघोटाला हुआ ही नहीं है? 

मिश्रा ने कहा है कि व्यापमं महाघोटाला उजागर होने के बाद इससे संबद्ध 57 मौतों/ हत्याओं/ आत्महत्याओं की सूची प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अरूण यादव की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी ने डीआईजी, सीबीआई को सौंपी थी, किन्तु नतीजा सिफर रहा। यही नहीं कई हाईप्रोफाईल उन लोगों की प्रामाणिक जानकारी भी कांग्रेस ने सीबीआई को सौंपी थी, जिसमें उनकी संबद्धता सीधी तौर पर दिखाई दे रही थी। दुर्भाग्य है कि सीबीआई ने उन्हें बुलाकर उनके बयान लेना तक जरुरी नहीं समझा, आखिरकार ऐसा क्यों? व्यापमं महाघोटाले के दौरान हुई 9 मौतों के मामलों में पोस्टमार्टम नहीं करवाए जाने की जिम्मेदारी किसकी थी, अनुसंधान में सीबीआई ने उनसे संबंधित लोगों को तलब क्यों नहीं किया? समूची जांच पर यह प्रश्नचिन्ह सवालिया निशान है। 
 

Created On :   20 Sep 2017 3:38 PM GMT

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