व्यापमं कांड में अब एएफआरसी की भी जांच करेगी सीबीआई

CBI to investigate Admission and fees regulatory committee now in Vyapam scam
व्यापमं कांड में अब एएफआरसी की भी जांच करेगी सीबीआई
व्यापमं कांड में अब एएफआरसी की भी जांच करेगी सीबीआई

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्य प्रदेश के व्यापमं कांड में फर्जी नियुक्ति और विद्यार्थियों के फर्जी एडमिशन की जांच के साथ सीबीआई अब एएफआरसी (प्रवेश एवं फीस विनियामक कमेटी) की कार्यप्रणाली की भी जांच कर सकती है। कमेटी ने निजी कॉलेजों में फर्जी प्रवेशों के संबंध में क्या कार्रवाई की और कितने निजी कॉलेजों पर जुर्माना लगाया साथ ही कितने विद्यार्थियों का प्रवेश निरस्त किया गया, ऐसी ही अन्य बिन्दुओं को जांच में शामिल किया जाएगा। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक एएफआरसी ने सीबीआई को जो दस्तावेज सौंपे हैं वो वर्ष 2008 से 2011 तक के है जबकि व्यापमं कांड 2013 से सुर्खियों में रहा है। ऐसे में 2013 से अब तक एएफआरसी की क्या भूमिका रही यह जांच का विषय होगा। गौरतलब है कि 2007 में गठित कमेटी को वर्ष 2013 में कानूनी शक्तियां दी गई थी। जिसके तहत वे गड़बड़ी पाए जाने पर फर्जी प्रवेश देने वाले निजी कॉलेज एवं फर्जी प्रवेश पाने वाले छात्र-छात्राओं के विरूद्ध कार्रवाई कर सकती है। 

सुनील कुमार, थापक से हो सकती है पूछताछ

एएफआरसी के चेयरमेन टीआर थापक और तत्कालीन ओएसडी सुनील कुमार वर्तमान में आरजीपीवी के कुलपति हैं। इनके कार्यकाल में क्या स्थिति थी और व्यापमं मामले में वर्ष 2013 से अब तक कार्रवाई की क्या स्थिति रही है इसको लेकर इन दोनों ही अधिकारियों से पूछताछ की जा सकती है। हालांकि अभी तय नहीं हुआ है कि एएफआरसी की जांच कब से शुरू की जाएगी, लेकिन कमेटी की जांच निश्चित है।

डीएमई और डीटीई भी लिख चुके है पत्र

प्रवेश एवं फीस विनियामक कमेटी (एएफआरसी) की बैठक में संचालनालय चिकित्सा शिक्षा (डीएमई) और संचालनालय तकनीकी शिक्षा (डीटीई) द्वारा फीस निर्धारण के साथ ही विद्यार्थियों के प्रवेश को लेकर भी कार्रवाई करने के लिए कहा चा चुका है। साथ ही इन दोनों ही विभाग के अधिकारियों द्वारा पत्र भी लिखा गया है, लेकिन एएफआरसी ने निजी कॉलेजों में प्रवेश को अब तक ढुलमुल रवैया अपनाया।

एसपी सीबीआई मनीष श्रुरती, का कहना है कि प्रवेश एवं फीस विनियामक कमेटी की शिकायत आई है। हमने पूर्व में कमेटी के अधिकारियों से पूछताछ की थी, लेकिन वर्तमान में जो शिकायत आई है। उसे उच्चाधिकारियों के समक्ष रखेंगे। संभवत: इसे भी जांच में शामिल किया जा सकता है।

 

 

Created On :   24 Jan 2018 4:16 AM GMT

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