दूसरे दिन भी सरकारी कार्यालयों की कुर्सियां रहीं खाली

Chairs of government offices remained empty as well for the second day
दूसरे दिन भी सरकारी कार्यालयों की कुर्सियां रहीं खाली
वर्धा दूसरे दिन भी सरकारी कार्यालयों की कुर्सियां रहीं खाली

डिजिटल डेस्क, वर्धा. जिलाधिकारी कार्यालय के सामने राजस्व कर्मचारी संगठन की वर्धा इकाई द्वारा सोमवार 4 अप्रैल से प्रलंबित पदोन्नति और विविध मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने बेमियादी आंदोलन की शुरुआत की है, लेकिन शासन की ओर से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं मिलने से मंगलवार दूसरे दिन भी आंदोलन जारी रहा। बेमियादी आंदोलन में जिले के राजस्व विभाग के कुल 380 कर्मचारी शामिल हैं। बता दें कि, पदोन्नति की मांग को लेकर राज्यभर में राजस्व विभाग के कुल 22 हजार कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिसके चलते तहसील कार्यालय, भू-संपादन विभाग, जिलाधिकारी कार्यालय, रोजगार हमी योजना विभाग का कामकाज ठप पड़ गया है। सोमवार को आंदोलन मंडप में किसी भी अधिकारी ने कर्मचारियों से भेंट नहीं की। इसके साथ ही शासन की ओर से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा सर्वप्रथम 21 फरवरी को पदोन्नति की मांग को लेकर सरकार को चेतावनी दी थी। इस दौरान राजस्व कर्मचारी संगठन वर्धा के अध्यक्ष संजय मानेकर, कार्याध्यक्ष किशोर शेंडे, कोषाध्यक्ष अतुल रासपायले, सचिव अजय धर्माधिकारी, उपाध्यक्ष पूनम मडावी, सहसचिव नीलेश अकोटकर, संगठक संजय काटपाताल, लघु लेखक प्रतिनिधि एम.वी. तितरे, वाहक चालक प्रतिनिधि पद्माकर वाघ, चतुर्थ श्रेणी प्रतिनिधि चंद्रकांत कावले, सलाहकार हरीशचंद्र लोखंडे, अभय पवनाकर,

भीमराज खरमडे, विवेक मलकापुरे, नीलेश मडावी, विश्वेश्वर नाईक, विशाल ठाकरे, मनोज वंजारी, एस.आर. गजभिये समेत अन्य राजस्व कर्मचारी उपस्थित थे।

शासन को रोजाना हो रहा 1 लाख रु. का नुकसान : राजस्व के सभी कर्मचारी की हड़ताल शुरू होने से जमीन से जुड़े कार्य, गृह विभाग में पेट्रोल पंप कानून सुव्यवस्था, प्राकृतिक आपत्ति, पानी की किल्लत से जुड़ी समस्या और रॉयल्टी जिसमें रेत, गिट्टी बिक्री जैसे विविध कार्य प्रभावित होने से शासन को रोजाना लगभग 1 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है।

सीलिंग जमीन के कार्य प्रभावित : सीलिंग जमीन में जो भी पूर्व सैनिक और आदिवासी समुदाय आते हैं उनको शासन की ओर से जमीन का वितरण किया जाता है, लेकिन पूरा क्लर्क डिपार्टमेंट हड़ताल पर होने से यह काम प्रभावित होने से पूर्व सैनिक और आदिवासी समुदाय को हड़ताल खत्म होने का इंतजार है।

Created On :   6 April 2022 7:09 PM IST

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