खूब लोकप्रिय हो रहे मिट्टी के कुकर- कलाकार को बैंक नहीं दे रहा ऋण

clay pots becoming quite popular, but bank is not giving loan
खूब लोकप्रिय हो रहे मिट्टी के कुकर- कलाकार को बैंक नहीं दे रहा ऋण
खूब लोकप्रिय हो रहे मिट्टी के कुकर- कलाकार को बैंक नहीं दे रहा ऋण

डिजिटल डेस्क बालाघाट। बालाघाट जिले के कटंगी मुख्यालय से लगे हुए ग्राम कटेरा मेें मिट्टी के बर्तनों को आधुनिक रसोई का माध्यम बनाने एवं फैशन के दौर में शो-पीस के रूप में अनेको प्रस्तुतियों के जरिए ख्याति प्राप्त करने वाले कलाकार मुरलीधर टरेंडे का कहना है कि यदि हम मिट्टी के बर्तनों में बनाया हुआ खाना खायेंगें तो निश्चित रूप से स्वस्थ्य रहेंगें और लंबी आयु जी सकते है। उसके बनाये हुए मिट्टी के कुकर व अन्य बर्तन आकर्षक होने के साथ ही प्रकृति से करीब होने के कारण बहुत पसंद किये जाते है और हाथो हाथ बिक भी जाते है। मुरलीधर मिट्टी के आकर्षक रंगों के सजावटी सामान, लाफिंग बुद्धा, गुलदस्ते भी बनाता है। इस कलाकार को  यह उम्मीद थी कि सरकारी योजनाओं का  लाभ लकेर वह अपना जीवन स्तर ऊंचा कर लेगा किंतु बैंक ने उसके अरमानों पर पानी फेर दिया । यह कलाकारा लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए मिट्टी के फैंसी आइटम के साथ-साथ कुकर, कढ़ाई, फ्राईमपेन, गंजी, आदि भी बनाकर लोगों को शुध्द रसाई उपलब्ध कराकर इन बर्तनों को पहले महाकौशल, विदर्भ और छ.ग. तक पहुंचाना चाह रहा है ।  मिट्टी के बर्तन की रसोई की संपूर्ण रेंज प्रस्तुत करने की उसकी योजना को स्थानीय सेन्ट्रल बैंक ने धूमिल कर दिया है। उसे मुख्यमंत्री रोजगार योजना के तहत बिना किसी गारंटी के पांच लाख रूपए स्वीकृत हुए थे लेकिन अब तक उन्हें ऋण नही मिल पाया है।
बढ़ रही मांग- मुरलीधर बताता है कि उसका परिवार बहुत गरीब है और वह अपने पुश्तैनी धंधे को नया रूप देकर अपनी रोजी-रोटी चला रहा है। उसकी पत्नी कटंगी में छोटी सी दुकान लगाकर मिट्टी के कुकर, कढाही, तवा अन्य बर्तन व सजावट का सामान बेचती है। उसे अपने इस व्यवसाय से हर माह 15 हजार रुपये की आय हो जाती है, जिससे वह अपना गुजारा चलाता है। उसके बनाये मिट्टी के बर्तन बैंगलोर, रायपुर व राजस्थान के लोगों ने भी ले गये है और उससे अधिक मात्रा में बर्तन सप्लाय करने कह रहे है।  
ऋण स्वीकृत होते ही बढ़ेगा कारोबार
मुरलीधर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहता है, लेकिन पूंजी की समस्या बाधा बनकर खडी हो जाती है। उसने बताया कि उसे इलेक्ट्रीक चाक, पेंटिंग के लिए कम्प्रेसर मशीन व रंगाई व चित्रकारी के लिए डाय मिल जाये तो वह अपने व्यवसाय को आगे बढा सकता है। उसने शासन की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ऋण के लिए आवेदन भी किया है। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र बालाघाट से उसका 9 लाख 50 हजार रुपये का प्रकरण मंजूर भी हो गया है। लेकिन कटंगी की बैंक उसे ऋण नहीं दे रही है। कटंगी के बैंक में उसका आवेदन दो माह से रखा है। मुरली कहता है कि उसे 5 लाख रुपये का भी ऋण मिल जायेगा तो एक वाहन लेकर मिट्टी के कुकर व कढाही को शहरों में बेच सकता है। वह कहता है कि वह बैंक का पूरा पैसा वापस कर देगा, लेकिन ऋण नहीं मिलने से वह मायूस है।
बगैर गारंटी के बैंक नही देती है ऋण
जिले में बिना कोलेरेटर गाारंटी के मुख्यमंत्री रोजगार योजना के हितग्राहियों को ऋण नही दिया जाता है। जिले मे 200 से अधिक प्रकरण है जिनके पास यदि कोई गारंटी नही है तो उन्हें ऋण नही दिया जाता है। इस योजना में जिनके पास बैंक में कोई सुरक्षा की सुविधा है तो उसी को ऋण मिलता है जबकि योजना में कोई गारंटर की जरूरत नही है।

 

Created On :   18 Jan 2018 5:30 PM IST

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